04 जनवरी 2024
वाराणसी की जिला अदालत ज्ञानवापी की ASI सर्वे रिपोर्ट पक्षकारों को सौंपने के मामले में अब 5 जनवरी को फैसला सुनाएगी। हिंदू पक्ष के वकील मदन मोहन यादव ने बताया कि कचहरी परिसर में एक वकील के निधन पर शोक मनाये जाने की वजह से भी अदालत की कार्यवाही पूरी नहीं हो सकी। जिसे देखते हुए जिला जज ने फैसला सुनाने की तारीख 5 जनवरी तय की है।
ASI ने बुधवार को ज्ञानवापी परिसर की सर्वे रिपोर्ट को खोलने और पक्षकारों को सौंपने के लिए जिला अदालत से चार सप्ताह का समय देने का अनुरोध किया था। जिसपर मामले को गुरुवार तक के लिए टाल दिया गया था। आपको बता दें कि ASI ने चार सप्ताह का समय मांगते हुए इलाहाबाद हाई कोर्ट के हालिया फैसले का हवाला दिया था।
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने क्या कहा था
इलाहाबाद हाई कोर्ट ने पिछले साल 19 दिसंबर को वाराणसी में ज्ञानवापी परिसर की मौजूदगी वाली जगह पर कथित मंदिर के जीर्णोद्धार की मांग संबंधी मुकदमे की पोषणीयता को चुनौती देने वाली मुस्लिम पक्षों की कई याचिकाओं को खारिज कर दिया था।
जस्टिस रोहित रंजन अग्रवाल ने कहा था कि साल 1991 का पूजा स्थल किसी प्रार्थनागृह के धार्मिक चरित्र को परिभाषित नहीं करता है और इसे केवल विरोधी पक्षों कीओर से अदालत में प्रस्तुत साक्ष्य के माध्यम से निर्धारित किया जा सकता है।
हाई कोर्ट ने निचली अदालत को इस मामले को छह महीने के अंदर निपटाने के निर्देश देते हुए कहा था कि अगर जरूरी हो तो निचली अदालत ASI को परिसर के छूटे हुए हिस्से का सर्वेक्षण करने का निर्देश दे सकती है।
ASI ने किया था सर्वेक्षण
जिला अदालत के 21 जुलाई 2023 के आदेश के बाद ASI ने काशी विश्वनाथ मंदिर के बगल में स्थित ज्ञानवापी परिसर का वैज्ञानिक सर्वेक्षण किया था। इसका उद्देश्य यह पता लगाना था कि 17 वीं शताब्दी में बनी ज्ञानवापी मस्जिद का निर्माण हिंदू मंदिर की पहले से मौजूद संरचना पर किया गया था या नहीं