Ukraine Rare Earth Elements: डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें यूक्रेन की सरकार से मैसेज मिला है. यूक्रेन इस समझौते के लिए तैयार है.
Ukraine Rare Earth Elements: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने सोमवार को बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने संकेत दिया है कि वह रूस के खिलाफ युद्ध में अमेरिकी समर्थन जारी रखेंगे, लेकिन एक शर्त पर. और वह शर्त है कि यूक्रेन अपने रेयर अर्थ मटेरियल तक पहुंच के लिए समझौता करें. साथ ही कहा है कि अमेरिका ने यूक्रेन को यूरोपीय देशों के सहयोगियों के मुकाबले ज्यादा सैन्य और आर्थिक सहायता भेजी है. ऐसे में आपको बताते हैं कि रेयर अर्थ मटेरियल क्या है और इससे अमेरिका को क्या फायदा होगा.
यर अर्थ मटेरियल की सुरक्षा पर जोर
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने मीडिया से बात करते हुए कहा कि उन्हें यूक्रेन की सरकार से मैसेज मिला है. मैसेज में लिखा है कि वह अमेरिका को आधुनिक तकनीकी अर्थव्यवस्था बनने में मदद करने के लिए रेयर अर्थ मटेरियल को लेकर एक समझौता करने को तैयार हैं. उन्होंने जोर देकर कह कि मैं रेयर अर्थ मटेरियल की सुरक्षा चाहता हूं. हम सैकड़ों अरब डॉलर वहां लगा रहे हैं और उनके पास बहुत बढ़िया रेयर अर्थ मटेरियल है.
राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जोर देकर कहा कि रेयर अर्थ मटेरियल की सुरक्षा चाहता हूं. साथ ही उन्होंने संकेत दिया कि हमने रूस और यूक्रेन के मामले में काफी प्रगति की है. हम आगे देखेंगे कि क्या होता है और हम उस बेतुके युद्ध को रोकने जा रहे हैं. अंतरराष्ट्रीय ऊर्जा एजेंसी के मुताबिक यूक्रेन ने रिजॉल्यूशन नंबर 132 के तहत टाइटेनियम और यूरेनियम के साथ रेयर अर्थ मटेरियल यानि दुर्लभ मृदा धातुओं की जानकारी दी गई है.
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चीन में है अर्थ मटेरियल का सबसे बड़ा भंडार
बता दें कि रेयर अर्थ मटेरियल 17 धातुओं का एक ग्रुप है. इस सभी धातुओं का इलेक्ट्रॉनिक्स से लेकर मिलिट्री उपकरणों में बड़े पैमाने पर इस्तेमाल किया जाता है. इन धातुओं का उपयोग IT इंडस्ट्री, सौर ऊर्जा, केमिकल इंडस्ट्री के साथ ऑयल रिफाइनरी समेत कई अन्य इंडस्ट्रीज में होता है.
रेयर अर्थ मटेरियल में सेरियम, प्रेसियोडीमियम, डिस्प्रोसियम, प्रोमेथियम, अर्बियम, समैरियम, युरोपियम, स्कैंडियम, गैडोलीनियम, टेरबियम, होल्मियम, थ्यूलियम, लैंथेनम, येटरबियम, ल्यूटेटियम, येट्रियम, नियोडिमियम शामिल हैं. यूक्रेन में यूरेनियम, लिथियम और टाइटेनियम के बड़े भंडार हैं.
हालांकि इनमें से किसी को भी मात्रा के आधार पर दुनिया के पांच सबसे बड़े भंडारों में नहीं गिना जाता है. ऐसे में यह समझना मुश्किल है कि अमेरिका यह क्यों चाहता है. बता दें कि भारत में इनका भंडार दुनिया में पांचवें नंबर पर है. पूरी दुनिया में चीन रेयर अर्थ मटेरियल पर एकाधिकार रखता है. चीन ने एक बार रेयर अर्थ मटेरियल के शिपमेंट पर बैन लगाकर जापानी अर्थव्यवस्था को लगभग बर्बाद कर दिया था.
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