Tibet Earthquake 2025: चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने भूकंप का केंद्र टिंगरी काउंटी में 10 किमी के अंदर बताया है, जिसे माउंट एवरेस्ट का उत्तरी प्रवेशद्वार कहा जाता है.
Tibet Earthquake 2025: तिब्बत में मंगलवार की सुबह आए भूकंप ने सभी को दहला कर रख दिया है. इस भूकंप ने तिब्बत में 126 लोगों की जान ले ली. वहीं, 188 लोग घायल बताए जा रहे हैं. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने इसकी पुष्टि कर दी है. रिक्टर स्केल पर भूकंप की तीव्रता 6.8 मापी गई. हालांकि, अमेरिकी भूवैज्ञानिक सेवा का दावा है कि भूकंप की तीव्रता 7.1 बताई है.
जमींदोज हो गई शहर की कई इमारतें
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र ने भूकंप का केंद्र टिंगरी काउंटी में 10 किमी के अंदर बताया है, जिसे माउंट एवरेस्ट का उत्तरी प्रवेशद्वार कहा जाता है. भूकंप का केंद्र शिगास्ते शहर के पास था, जो भारत की सीमा से बेहद करीब है. शिगास्ते शहर को तिब्बत के सबसे पवित्र शहरों में से एक माना जाता है. भूकंप के झटकों से पड़ोसी देश नेपाल और भारत के कई शहरों में भी इमारतें हिल गई. भूकंप के बाद चीन के राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने प्रभावित क्षेत्रों में राहत और बचाव कार्य चलाने के लिए आदेश दिए हैं.
भूकंप के बाद शहर में कई इमारतें जमींदोज हो गई. 126 लोगों की मौत के बाद भी आशंका जताई जा रही है कि मृतकों का आंकड़ा बढ़ सकता है. चीन की सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ के अनुसार भूकंप के बाद चीन ने एवरेस्ट क्षेत्र को आम पर्यटकों के लिए पूरी तरह से बंद कर दिया है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने बताया कि भूकंप के बाद 4.4 तीव्रता तक के 150 से अधिक झटके महसूस किए गए. बता दें कि इलाके में 1,500 से ज्यादा अग्निशमन कर्मियों और बचावकर्मियों को राहत और बचाव के लिए भेजा गया है.
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साल 2017 में भी मची थी भारी तबाही
तिब्बत के अलावा इस भूकंप के कारण नेपाल और भारत में किसी के भी हताहत होने की जानकारी सामने नहीं आई है. CCTV यानी चीन सेंट्रल टेलीविजन के मुताबिक इस इलाके में साल 1950 से लेकर 6 या उससे अधिक तीव्रता के 21 भूकंप आ चुके हैं. इसमें साल 2017 में सबसे खतरनाक भूकंप देखने को मिला था. साल 2017 में तिब्बत के मेनलिंग में 6.9 तीव्रता का भूकंप आया था.
वहीं, 2015 में नेपाल की राजधानी काठमांडू के पास आए भूकंप में करीब 9 हजार से अधिक लोगों की मौत हो गई थी. इस भूकंप के दौरान शिगास्ते में माउंट एवरेस्ट बेस कैंप पर हिमस्खलन हो गया था, जिसकी चपेट में आने से कम से कम 18 लोग मारे गए थे. इस दौरान भूकंप की तीव्रता 8.1 मापी गई थी. बता दें कि तिब्बती पठार में भूकंप के झटके आते रहते हैं. दरअसल, टेक्टोनिक यूरेशियन और भारतीय प्लेटों के मिलने से तेज भूकंप के तेज झटके महसूस किए जाते हैं.
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