Russia-Ukraine War: डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात की है. तीनों ही नेताओं ने युद्ध खत्म करने पर सहमती जताई है.
Russia-Ukraine War: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन की बातचीत के बाद संभावना जताई जा रही है कि रूस और यूक्रेन युद्ध खत्म हो सकता है. वहीं, डोनाल्ड ट्रंप ने यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की से भी बात की है. तीनों ही नेताओं ने युद्ध खत्म करने पर सहमती जताई है. इसके बाद डोनाल्ड ट्रंप ने कहा है कि वह और व्लादिमीर पुतिन आमने-सामने बात भी कर सकते हैं. इस मुलाकात के लिए सऊदी अरब को चुना गया है. हालांकि, इस युद्ध विराम में कई चुनौतियां भी हैं, जिससे यूक्रेनी राष्ट्रपति डर रहे हैं.
सऊदी अरब में होगी दोनों की मुलाकात
डोनाल्ड ट्रंप ने दोनों नेताओं से बात करने के बाद टॉप अमेरिकी अधिकारियों को यूक्रेन में युद्ध समाप्त करने के लिए बातचीत शुरू करने का आदेश दे दिया है. डोनाल्ड ट्रंप ने अपने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर एक पोस्ट में कहा कि विदेश मंत्री मार्को रुबियो, CIA निदेशक जॉन रैटक्लिफ, राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार माइकल वाल्ट्ज और मिडिल-ईस्ट के दूत स्टीव विटकॉफ युद्ध समाप्त करने के लिए वार्ता का नेतृत्व करेंगे. रूसी राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन से एक घंटे की बातचीत में उन्होंने कहा कि व्लादिमीर पुतिन खुद यह युद्ध खत्म करना चाहते हैं.
इसके बाद उन्होंने यह भी कहा कि वोलोडिमिर जेलेंस्की भी शांति चाहते हैं. गौरतलब है कि अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ने ट्रंप युद्ध शुरू होने के बाद ही कहा था कि वह इस युद्ध को जल्द खत्म कर देंगे. अब उन्होंने अपनी योजना पर काम शुरू कर दिया है. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप और व्लादिमीर पुतिन की पहली मुलाकात जल्द ही सऊदी अरब में होने वाली है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक रूस ने युद्ध शुरू होने के बाद से यूक्रेन के लगभग पांचवें हिस्से पर कब्जा किया है. साथ ही रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन से अधिक क्षेत्र सौंपने और किसी भी शांति समझौते के तहत स्थायी रूप से तटस्थ बने रहने की मांग की है.
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क्या है यूक्रेनी जेलेंस्की राष्ट्रपति का डर
वहीं, यूक्रेन ने युद्ध विराम के लिए रूस को पीछे हटाने की मांग की है. वहीं, यूक्रेनी राष्ट्रपति वोलोडिमिर जेलेंस्की ने कहा है कि रूस को दोबारा हमला करने से रोकने के लिए उसे NATO की सदस्यता या उसी तरह की सुरक्षा गारंटी की मांग रखी है. ब्रिटेन, फ्रांस और जर्मनी समेत यूरोपीय देशों ने भी कहा कि है कि बिना यूक्रेन को शामिल किए कोई बात नहीं होगी. बता दें कि साल 2014 में क्रीमिया पर कब्जा कर लिया था.
क्रीमिया को यूक्रेन और कई देश यूक्रेन का ही हिस्सा मानते हैं. ऐसे में क्रीमिया को लेकर शांति समझौते में बड़ी अड़चन पैदा हो सकती है. हालांकि, अमेरिकी राष्ट्रपति ने सुझाव दिया है कि यूक्रेन को रूस के वर्तमान नियंत्रण वाले कुछ क्षेत्र मिल सकते हैं. बता दें कि इससे पहले जो बाइडेन प्रशासन ने कहा था कि वह यूक्रेन को जब तक जरूरत होगी, तब तक समर्थन देना जारी रखेगा और यूक्रेन की भागीदारी के बिना यूक्रेन के भविष्य के लिए कोई व्यवस्था नहीं करेगा. ऐसे में यूक्रेन के लोगों में डर है कि इस समझौते से शत्रुता समाप्त नहीं होगी, सिर्फ युद्ध विराम होगा और व्लादिमीर पुतिन फिर से बड़ा हमला कर सकते हैं.
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