Quad Foreign Ministers Meeting: प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्वाड देशों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से किए जा रहे हमलों की निंदा की.
29 July, 2024
Quad Foreign Ministers Meeting: जापान की राजधानी टोक्यो में क्वाड देशों (Quadrilateral Security Dialogue) यानी भारत, अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया देशों के विदेश मंत्रियों की बैठक हुई. बैठक के बाद सभी विदेश मंत्रियों ने संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस की. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्वाड देशों ने लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से किए जा रहे हमलों की निंदा की. बता दें कि बैठक में भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (S. Jaishankar), अमेरिका के विदेश मंत्री एंटनी ब्लिंकन, जापान के विदेश मंत्री योको कामिकावा और ऑस्ट्रेलिया की विदेश मंत्री पेनी वोंग शामिल हुई. इस साल के अंत तक भारत अगले क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करेगा.
‘सुरक्षा को खतरे में डाल रहे विद्रोही’
भारत के विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि पिछले कुछ वर्षों में हमने जो व्यापक एजेंडा बनाया है. जल्द ही एक अंतरिक्ष-आधारित जलवायु चेतावनी प्रणाली मॉरीशस में शुरू की जाएगी. कोविड के दौरान हमने कई देशों को टीके पहुंचाने में सहयोग किया. प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान क्वाड देशों के विदेश मंत्रियों ने कहा कि हम लाल सागर और अदन की खाड़ी से गुजरने वाले अंतरराष्ट्रीय और वाणिज्यिक जहाजों पर यमन के हूती विद्रोहियों की ओर से किए जा रहे हमलों की निंदा करते हैं. यह हमले जहाजों की आवाजाही और व्यापार को बाधित करते हैं. इसके साथ ही वह नाविकों और जहाजों सेत कई लोगों की सुरक्षा को खतरे में डालते हैं.
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इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा पर चर्चा
वहीं संयुक्त वक्तव्य में कहा गया है कि क्वाड विदेश मंत्री इस साल के अंत में भारत में अगले क्वाड नेताओं के शिखर सम्मेलन की मेजबानी करने की उम्मीद कर रहे हैं. साथ ही साल 2025 में संयुक्त राज्य अमेरिका क्वाड विदेश मंत्रियों की बैठक की मेजबानी करेगा. प्रेस कॉन्फ्रेंस में नेताओं ने सभी देशों की क्षेत्रीय अखंडता और राजनीतिक स्वतंत्रता का सम्मान करने के महत्व पर भी जोर दिया. साथ ही किसी भी देश के खिलाफ हमलों से बचने की बात कही गई. विदेश मंत्रियों ने कहा कि सभी देश संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद (United Nations Security Council) की स्थायी और अस्थायी सीटों के विस्तार सहित एक व्यापक संयुक्त राष्ट्र (United Nations) सुधार एजेंडे को आगे बढ़ाने के लिए प्रतिबद्ध हैं. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र की सुरक्षा पर भी सभी देशों ने अपनी बात रखी.
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