Polio In Pakistan-Afghanistan: पाकिस्तान में इस साल की शुरुआत में ही 3 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, अफगानिस्तान में भी पहला केस सामने आ चुका है.
Polio In Pakistan-Afghanistan: दुनिया में सिर्फ दो देशों से पोलियो का ग्रहण खत्म हो ही नहीं रहा है. पाकिस्तान और अफगानिस्तान को छोड़कर दुनिया के सभी देशों से पोलियो जड़ से खत्म हो चुका है. पाकिस्तान में इस साल की शुरुआत में ही 3 केस सामने आ चुके हैं. वहीं, अफगानिस्तान में भी साल 2025 की शुरुआत में पहला केस सामने आ चुका है. ऐसे में बड़ा सवाल बन गया है कि क्या इन दोनों देशों से कभी पोलियोमाइलाइटिस का उन्मूलन हो भी पाएगा या नहीं?
200 से ज्यादा देशों ने खत्म किया पोलियो
दरअसल, 20वीं सदी की शुरुआत में पोलियो सबसे ज्यादा खतरनाक बीमारियों में से एक थी. इस बीमारी की वजह से हर साल लाखों बच्चे लकवाग्रस्त हो जाते थे. साल 1950 और 1960 के दशक में प्रभावी टीकों की शुरुआत के साथ ही पोलियो को नियंत्रण में लाया गया. 1970-80 के दशक में राष्ट्रीय टीकाकरण कार्यक्रमों के तहत पूरी दुनिया में इस बीमारी को नियंत्रित करना शुरू कर दिया गया.
फिर भी साल 1988 तक पोलियो के कारण दुनिया भर में हर दिन एक हजार से ज्यादा बच्चे लकवाग्रस्त हो रहे थे. इसके बाद से 200 से ज्यादा देशों और 20 मिलियन स्वयंसेवकों के सहयोग से पोलियो के वैश्विक मामलों में 99 फीसदी की कमी आई है. अब केवल दो देश ही ऐसे बचे हैं, जिनमें पोलियो का संक्रमण कभी नहीं रुका. इसमें पाकिस्तान और अफगानिस्तान का नाम शामिल है.
ऐसे में पोलियो के अंतिम एक प्रतिशत मामलों से निपटना अभी भी मुश्किल साबित हुआ है. इस साल पाकिस्तान के खैबर पख्तूनख्वा प्रांत से एक और सिंध प्रांत से दो मामले सामने आए हैं. पाकिस्तान में साल 2024 में कुल 23 मामले सामने आए थे. वहीं अफगानिस्तान से एक मामला सामने आया है. इससे पहले साल 2025 में 25 मामले सामने आए हैं. गौरतलब है कि इन दोनों देशों में पोलियो को लेकर कई कलंक भी जुड़े हुए हैं.
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जीरो खुराक का भी मामला आया सामने
बता दें कि अफगानिस्तान पोलियो से प्रभावित अंतिम दो देशों में से एक होने के साथ ही दुनिया भर में जीरो खुराक वाले बच्चों के मामले में शीर्ष बीस देशों में से एक है. पोलियो मामले की निगरानी करने वाली एजेंसियों के मुताबिक इसका मुख्य कारण है इन देशों के कुछ लोग चरमपंथियों के प्रभाव में आकर मानते हैं कि यह टीका मुसलमानों को नसबंदी करने की साजिश है.
साथ ही चरमपंथियों की ओर से धार्मिक मान्यताओं से जुड़ी गलत सूचना भी फैलाई गई है, जिसमें दावा किया गया है कि टीके में सूअर का मांस और शराब शामिल है, जो इस्लाम में निषिद्ध है. मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पाकिस्तान और अफगानिस्तान में पोलियो टीकाकरण अभियान के खिलाफ विरोध तब बढ़ गया, जब अमेरिकी खुफिया एजेंसी CIA ने दुनिया के सबसे बड़े आतंकी और अलकायदा लीडर ओसामा बिन लादेन का पता लगाने के लिए एक फर्जी हेपेटाइटिस टीकाकरण अभियान चलाया था.
ओसामा बिन लादेन के ठिकाने का पता लगाने के बाद अमेरिकी विशेष बलों ने उसे पाकिस्तान में मार गिराया था. नतीजतन पाकिस्तान और अफगानिस्तान में कई लोग टीका लगवाने से बचते हैं. साथ इन देशों के कई इलाकों में पोलियो लगाने वाले लोगों की भी हत्या के मामले सामने आए हैं. दोनों ही देशों में सौ से ज्यादा पोलियो लगाने वाले लोगों की हत्या कर दी गई है. ऐसे में ही माना जा रहा है कि एक फीसदी मामले को खत्म करना मुश्किल हो गया है.
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