14 February 2024
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी अपने दो दिन के यूएई के दौरे पर हैं। इस दौरान दोनो देशों के बीच करीब 10 समझौतों पर हस्ताक्षर हुए। अपने द्विपक्षीय संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत और संयुक्त अरब अमीरात ने ऊर्जा, बुनियादी ढांचे, निवेश और अभिलेखागार के प्रबंधन जैसे कईं समझौतों पर हस्ताक्षर किए हैं। विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने ये जानकारी दी है।
विदेश सचिव ने दी समझौतों की जानकारी
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने बताया कि बिजली और व्यापार के क्षेत्र में समझौता ज्ञापन ऊर्जा सुरक्षा तथा व्यापार सहयोग सुनिश्चित करने के अलावा हरित हाइड्रोजन और ऊर्जा भंडारण पर केंद्रित होगा। उन्होंने कहा कि आईएमईसी के सशक्तिकरण और संचालन के लिए सहयोग से संबंधित अंतर-सरकारी रूपरेखा समझौता क्षेत्रीय संपर्क को आगे बढ़ाएगा।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘ इस समझौते के तहत मुख्य क्षेत्रों में लॉजिस्टिक्स मंचों पर सहयोग शामिल है जो इन विशेष गलियारों के उद्देश्यों को आगे बढ़ाता है।’’ क्वात्रा ने कहा, ‘‘तमाम बातों के साथ यह देखना है कि आईएमईसी कितनी तेजी से ऑपरेट होता है और इसमें शामिल पक्षों को इससे कितना फायदा मिलता है।’’
क्वात्रा ने कहा कि डिजिटल बुनियादी ढांचा परियोजनाओं में सहयोग पर समझौता ज्ञापन डिजिटल बुनियादी ढांचा क्षेत्र में निवेश सहयोग समेत व्यापक सहयोग के लिए एक रूपरेखा तैयार करेगा।
विदेश सचिव ने कहा, ‘‘ सरकारी एजेंसियों के साथ-साथ नियामक प्राधिकरण भी इस समझौता ज्ञापन के तहत साझेदारी बनाने की कोशिश करेंगे। यह डिजिटल स्पेस के प्रमुख क्षेत्रों पर फोकस करेगा जिसमें कंप्यूटिंग, डिजिटल नवाचार और डेटा प्रबंधन से संबंधित मंच शामिल हैं।’’
उन्होंने कहा कि द्विपक्षीय निवेश संधि एक मजबूत, व्यापक निवेश साझेदारी के लिए आधार तैयार करेगी क्योंकि ये न सिर्फ मौजूदा निवेश की रक्षा पर केंद्रित है, बल्कि दोनों अर्थव्यवस्थाओं के बीच पूंजी प्रवाह के मकसद को भी आगे बढ़ाती है।
क्वात्रा ने कहा कि एनएमएचसी के विकास पर समझौता ज्ञापन दोनों देशों के बीच जुड़ाव को बढ़ावा देगा, जिसका मकसद गुजरात के लोथल में समुद्री विरासत परिसर का समर्थन करना है। उन्होंने कहा ‘‘दोनों पक्ष इस परियोजना को व्यापक रूप से विकसित करने के लिए मिलकर काम करेंगे।’’
तत्काल भुगतान मंच यूपीआई और एएनआई को जोड़ने संबंधी समझौते से दोनों देशों के बीच निर्बाध सीमा पार लेनदेन की सुविधा मिलेगी।
विदेश में भारतीयों की सुरक्षा सुनिश्चित
विदेश सचिव विनय क्वात्रा ने कहा कि पीएम मोदी ने विदेश में मौजूद भारतीय नागरिकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने की कोशिश करते हुए कईं देशों के नेताओं से बात की है। उन्होंने बताया कि जब भी भारतीय समुदाय को समस्याओं का सामना करना पड़ा है, तो पीएम के नेतृत्व और उनकी व्यक्तिगत कोशिशों ने यह सुनिश्चित किया है कि उन्हें भारत वापस लाया जाए। विदेश सचिव ने कहा कि पिछले 10 सालों में जब भी भारतीय नागरिकों के सामने कोई समस्या आई है, तो उनकी सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए न सिर्फ विदेश मंत्रालय, बल्कि ‘‘पूरी सरकार’’ को शामिल करने का दृष्टिकोण अपनाया गया है। ‘‘भारतीय नागरिक, चाहे वे कहीं भी हों, उन्हें हर संभव और उचित मदद दी जानी चाहिए। ये प्रधानमंत्री के निर्देश हैं।’’