PM Narendra Modi Kuwait Visit: कुवैत में भारतीय समुदाय से प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है.
PM Narendra Modi Kuwait Visit: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी शनिवार को कुवैत के अमीर महामहिम शेख मेशल अल-अहमद अल-जबर अल-सबाह के निमंत्रण कुवैत पहुंचे. इस दौरान उन्होंने भारतीय समुदाय को संबोधित भी किया. अपने संबोधन में उन्होंने कई बड़ी बातों का जिक्र भी किया. साथ ही उन्होंने प्रवासी भारतीयों को अगले साल होने वाले प्रवासी भारतीय दिवस और महाकुंभ में शामिल होने का न्यौता दिया है.
भारत के स्किल्ड यूथ की बताई ताकत
कुवैत में प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने अपने संबोधन में भारत की कई बड़ी उपलब्धियों का जिक्र किया. उन्होंने कहा कि आज का भारत एक नए मिजाज के साथ आगे बढ़ रहा है और भारत दुनिया की 5वीं सबसे बड़ी इकोनॉमी बन गया है. साथ ही उन्होंने कहा कि आज दुनिया का नंबर वन फिनटेक इको-सिस्टम और तीसरा सबसे बड़ा स्टार्टअप इको-सिस्टम भारत में है. साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि आज भारत दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा मोबाइल निर्माता देश है.
It takes only four hours to travel from India to Kuwait. However, it took the PM of India four decades to visit Kuwait.
— BJP (@BJP4India) December 21, 2024
– PM @narendramodi
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भविष्य का भारत दुनिया के विकास का हब बनने वाला है. इस दौरान उन्होंने कहा कि भारत के स्टार्टअप, फिनटेक से हेल्थकेयर, स्मार्ट सिटीज से ग्रीन टेक्नोलॉजी तक कुवैत की हर जरूरत के लिए सभी सॉल्यूशन बना सकते हैं. उन्होंने जोर देकर कहा कि भारत का स्किल्ड यूथ कुवैत की फ्यूचर जर्नी को नई स्ट्रेंथ देने की ताकत रखता है और दुनिया की स्किल डिमांड को पूरा करने का सामर्थ्य रखता है.
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43 साल कुवैत पहुंचे भारतीय प्रधानमंत्री
प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने आगे कहा कि मेरे लिए यह पल बेहद खास है. चार दशक से भी ज्यादा समय यानी 43 साल बाद भारत का कोई प्रधानमंत्री कुवैत आया. भारत से कुवैत आने में 4 घंटे लगते हैं, लेकिन भारत के पहले के प्रधानमंत्रियों को यहां तक आने में 4 दशक लग गए. उन्होंने यह भी कहा कि मैं आज यहां सिर्फ आपसे मिलने ही नहीं आया हूं, आप सभी की उपलब्धियों को सेलिब्रेट करने भी आया हूं.
उन्होंने दावा किया कि भारत और कुवैत का रिश्ता सभ्यताओं का, सागर का और व्यापार-कारोबार का है. जोर देकर उन्होंने कहा कि भारत और कुवैत अरब सागर के दो किनारों पर बसे हैं और हमें सिर्फ डिप्लोमेसी ने ही नहीं, बल्कि दिलों ने आपस में जोड़ा. हमारा अतीत भी हमें जोड़ता है. उन्होंने दावा किया कि भारत दुनिया के उन पहले देशों में से एक है, जिसने कुवैत की स्वतंत्रता के बाद देश के तौर पर मान्यता दी. उन्होंने यह भी कहा कि जब भारत को सबसे ज्यादा जरूरत पड़ी, तो कुवैत ने लिक्विड ऑक्सीजन की सप्लाई की.
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