18 January 2024
पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकी ठिकानों पर ईरान की कार्रवाई के बाद, दोंनो देशों के बीच रिश्ते काफी बिगड़ गए हैं। पाकिस्तान ने कड़ा रूख अपनाते हुए, ईरानी राजदूत को पाकिस्तान छोड़कर जाने के लिए कह दिया गया है। ईरान के तेहरान में मौजूद अपने राजदूत को भी पाक ने वापस बुला लिया है। पाकिस्तान के विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी का बयान सामने आया है। विदेश मंत्री ने कहा कि इस हमले से दोनों देशों के रिश्तों पर असर पड़ा है।
अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन
विदेश मंत्री जलील अब्बास जिलानी ने कहा, कि मैंने ईरानी विदेश मंत्री हुसैन अमीर-अब्दुल्लाहिय से बात की है। उन्होंने साफ तौर पर कहा है कि 16 जनवरी को ईरान की तरफ से जो हमला किया गया है। वो कहीं से भी सही नहीं है। ये अंतरराष्ट्रीय कानून का उल्लंघन है। जिससे दोनों देशों के बीच रिशतें खराब हुए हैं। जलील अब्बास जिलानी ने कहा कि जो हमले हुए हैं, उसका जवाब देने का अधिकार अब पाकिस्तान के पास है। उन्होंने ये भी कहा कि बेशक आतंकवाद से खतरा है। जिसके लिए ठोस कदम उठाने कि जरूरत है, लेकिन एक तरफा कार्रवाई ने क्षेत्रीय शांति और स्थिरता को कमजोर कर दिया है। विदेश मंत्री ने कहा कि किसी भी देश को ऐसा कदम नहीं उठाना चाहिए।
भारत की प्रतिक्रिया
इस मामले में भारत ने भी अपनी प्रतिक्रिया दी हैं। विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता रणधीर जयसवाल ने कहा, कि अपने देश की सुरक्षा के लिए की जाने वाली कार्रवाइयों को वो समझता है, लेकिन ये उनका अपना मामला है। उन्होंने ये भी कहा कि भारत आतंकवाद के प्रति कोई भी समझौता नहीं करेगा। हमारा देश कत्तई बर्दाश्त नहीं करने की नीति पर चलता है ।
क्यों हुआ हमला?
ईरान बार-बार ये कह रहा था, कि ये आतंकवादी समूह उनके सुरक्षाबलों पर हमले कर रहें हैं। ये लोग पाकिस्तान का सहारा ले रहे हैं। बलूचिस्तान के सीमावर्ती शहर में इनके ठिकाने हैं। ऐसे में ईरान ने आतंकवादी समूह पर हमला कर दिया।
आपको बता दें कि 16 जनवरी को पाकिस्तान के बलूचिस्तान में आतंकवादी संगठन जैश-अल-अदल के दो अड्डों पर मिसाइल और ड्रोन छोड़ गए।