North Korea: किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने दुश्मनों की ओर से किसी भी खतरे को रोकने के लिए देश की परमाणु क्षमताओं को मजबूत करने की कसम खाई है.
North Korea: उत्तर कोरिया के तानाशाह किम जोंग उन (Kim Jong Un) ने बड़ी कसम खाई है. उन्होंने दुश्मनों की ओर से किसी भी खतरे को रोकने के लिए देश की परमाणु क्षमताओं को मजबूत करने की कसम खाई है. उन्होंने कहा कि उनका देश परमाणु हथियारों की संख्या में तेजी से बढ़ोतरी करने की नीति पर लगातार काम कर रहा है. नॉर्थ कोरिया की सरकारी मीडिया कोरियन सेंट्रल न्यूज एजेंसी ने इस बात की जानकारी दी है. उन्होंने 9 सितंबर को डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया 76वीं स्थापना वर्षगांठ पर यह बातें कही हैं.
‘भविष्य में और भी कई तरह के आएंगे खतरे’
डेमोक्रेटिक पीपुल्स रिपब्लिक ऑफ कोरिया 76वीं स्थापना वर्षगांठ पर किम जोंग उन (Supreme Leader of North Korea) ने मौजूदा स्थिति के अनुसार देश की रक्षा क्षमताओं को और मजबूत करने के लिए काम को आगे बढ़ाने की जरूरत पर बल दिया. उन्होंने दावा किया कि अमेरिका के कारण नॉर्थ कोरिया को परमाणु-आधारित सैन्य ब्लॉक के चरित्र के चित्रण की वजह से देश के आसपास का सैन्य सुरक्षा वातावरण हमारे लिए एक गंभीर खतरे के रूप में सामने आया है. उन्होंने जोर देकर कहा कि ऐसे वास्तविक खतरे भविष्य में और भी कई तरह के खतरे लेकर आएंगे. ऐसे में इस परिस्थितियों के लिए हमें और अधिक महत्वपूर्ण उपाय करने और सैन्य वर्चस्व को बनाए रखने के साथ-साथ उसे और बढ़ाने की जरूरत है. उन्होंने कहा कि नॉर्थ कोरिया की परमाणु शक्ति और किसी भी समय राज्य के सुरक्षा के अधिकार को सुनिश्चित करने के लिए इसका सही उपयोग करने में सक्षम किया जाना चाहिए.
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‘हमारा देश जिम्मेदार परमाणु हथियार वाला देश’
तानाशाह ने कहा कि परमाणु हथियारों (Nuclear weapon) की संख्या बढ़ाने पर परमाणु सशस्त्र बलों के निर्माण की नीति को पूरी तरह से लागू कर रहे हैं. इसे देश के परमाणु लड़ाकू बलों को सख्त कमान और नियंत्रण प्रणाली के तहत संचालित किया जा रहा है. हमारा देश एक जिम्मेदार परमाणु हथियार वाला देश है. हम लगातार एक गंभीर परमाणु खतरे के संपर्क में हैं. खुद की रक्षा के लिए हमारे परमाणु हथियार किसी के लिए खतरा नहीं हैं. उन्होंने कहा कि जो ताकतें नॉर्थ के परमाणु सशस्त्र बल को खतरा बताती हैं, वह केवल यह कहती हैं कि हमारा देश उनका दुश्मन है. अमेरिका और उसके साथी देशों की ओर से पैदा खतरें और हमारे सामने मौजूद सुरक्षा परिस्थितियों के कारण शक्तिशाली सैन्य शक्ति का होना अस्तित्व का कर्तव्य और अधिकार है. इसे हमारी सरकार को एक पल भी नहीं चूकना चाहिए और कोई रियायत नहीं देनी चाहिए.
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