Nepal Flood: लगातार बारिश के कारण काठमांडू (Kathmandu Flood) समेत कई जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, देशभर में अब तक 89 लोग घायल हुए हैं.
Nepal Flood: नेपाल में इस समय बाढ़ और भूस्खलन से हर ओर तबाही का मंजर देखने को मिल रहा है. नेपाल में 15 दिनों के दौरान बाढ़ और भूस्खलन से अब तक 200 से अधिक लोगों की मौत हो गई है.
लगातार बारिश के कारण काठमांडू (Kathmandu Flood) समेत कई जिलों में हाहाकार मचा हुआ है. वहीं, देशभर में अब तक 89 लोग घायल हुए हैं. नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह ने रविवार को सिंह दरबार में प्रधानमंत्री कार्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई.
टास्क फोर्स का किया गया गठन
नेपाल की सशस्त्र पुलिस बल से मिली जानकारी के मुताबिक कम से कम 204 लोग मारे गए हैं. आपदा में देशभर में 89 लोग घायल हुए हैं. वहीं, 33 लोग लापता भी हैं. लापता लोगों के लिए बड़े पैमाने पर खोज और बचाव अभियान चलाया जा रहा है. इसे लेकर नेपाल के कार्यवाहक प्रधानमंत्री और शहरी विकास मंत्री कार्यवाहक प्रधानमंत्री प्रकाश मान सिंह ने रविवार को सिंह दरबार में प्रधानमंत्री कार्यालय में सर्वदलीय बैठक बुलाई.
बैठक में भारी बारिश के कारण हुई आपदा के दौरान बचाव और राहत को लेकर चर्चा हुई. वहीं नेपाल के गृह मंत्रालय ने कहा है कि आपदा प्रभावित लोगों के लिए आर्थिक मदद की जाएगी. आपदा प्रबंधन कार्यकारी समिति ने भी कहा कि लापता लोगों के परिवारों को आर्थिक मदद दी जाएगी. वहीं 15 दिनों के अंदर हुए नुकसान के आकलन के लिए टास्क फोर्स का भी गठन किया गया है.
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कई शहरों में बिजली आपूर्ति बाधित
जानकारी के मुताबिक, अगर लापता व्यक्ति 10 दिनों के भीतर नहीं मिलता है, तो उसके परिवार को बारिश से हुई आपदा में मारे गए व्यक्ति के परिजनों को दी जाने वाली राशि के बराबर राशि दी जाएगी. गृह मंत्रालय ने बताया कि बाढ़ और भूस्खलन के बाद राहत कार्यों के लिए सभी सुरक्षा एजेंसियों को तैनात किया गया है. नेपाल सेना, नेपाल पुलिस और सशस्त्र पुलिस बल के कर्मियों ने अब तक लगभग 4 हजार से ज्यादा लोगों को बचाया है.
प्राकृतिक आपदा के बाद काठमांडू में सैकड़ों लोग खाना और साफ पानी की कमी का सामना कर रहे हैं. काठमांडू में भूस्खलन के कारण प्रमुख राजमार्गों के बंद होने के कारण भारत और नेपाल के कई जिलों से सब्जियों की सप्लाई रुक गई है. ऐसे में महंगाई भी अपने चरम पर है. पिछले तीन दिनों से हो रही लगातार बारिश से 1100 मेगावाट के 20 जलविद्युत संयंत्रों को नुकसान पहुंचा है. इससे काठमांडू और कई प्रमुख शहरों में बिजली आपूर्ति भी बाधित हुई है.
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