Volcanoes on the Moon : चंद्रमा को लेकर एक नया खुलासा सामने आया है. इस नए रहस्योद्घाटन में चांद से मिट्टी लाकर उसका अध्ययन किया गया है.
08 September, 2024
Volcanoes on the Moon : चंद्रमा अपने आप में कई तरह के रहस्य लेकर बैठा है. इसका जितना अध्ययन होता है उसकी उतनी गुत्थी खुलती है. इस बार एक और रहस्योउद्घाटन किया गया है. चीनी अंतरिक्ष यान ने कुछ साक्ष्यों को इकट्ठा किया गया, जिससे पता चलता है कि 120 मिलियन वर्ष पहले चंद्रमा पर ज्वालामुखी विस्फोट होते थे. वैज्ञानिकों का मानना था कि करीब 2 बिलियन वर्ष पहले चंद्रमा पर ज्वालामुखी गतिविधि समाप्त हो गई थी. बता दें कि चांग’ई 5 अंतरिक्ष यान चंद्रमा की मिट्टी लेकर आया और उसका विश्लेषण किया गया, इसके माध्यम से पता चला चंद्रमा पर भी ज्वालामुखी विस्फोट हुआ करते थे.
ओशनस प्रोसेलरम पर उतरा यान
चांग’ई 5 (Chang’e 5) अंतरिक्ष यान जिस क्षेत्र में लैंडिंग किया था उसको ओशनस प्रोसेलरम कहा जाता है. वह एक ऐसा एरिया हो सकता है जिसमें ऊष्मा-उत्पादक तत्वों से समृद्ध थीं. इसके अलावा, कई प्रमाण बताते हैं कि अभी तक शुक्र ग्रह पर ज्वालामुखी सक्रिय है. साथ ही मंगल पर हम इन प्रवाहों पर प्रभाव क्रेटरों की संख्या की गणना करके बड़े लावा प्रवाह के निर्माण की आयु का पता लगा सकते हैं. बता दें कि अभी तक के अध्ययन से पता चलता है कि चंद्रमा के आंतरिक भाग के कुछ एरिया में ज्वालामुखी को सक्रिय करने के लिए गर्मी उत्पन्न करते हैं.
मिट्टी पर रिसर्च करने के बाद पता लगाया
चाइनीज एकेडमी ऑफ साइंस के प्रोफेसर युयांग (Professor Yuyang) ने एक रिसर्च पेपर में दावा किया है कि चांद पर प्राचीन ज्वालामुखी गतिविधि के व्यापक कई साक्ष्य मिले हैं. लेकिन अभी पूरी तरह यह स्पष्ट नहीं हो पाया है कि यह ज्वालामुखी कितने समय तक एक्टिव रहे हैं. उन्होंने कहा कि हमने चांग’ई-5 मिशन द्वारा इकट्ठे किए गए मिट्टी के नमूनों में करीब 3 हजार कांच के मोतियों की जांच की है. साथ ही उनकी बनावट, ट्रेस-तत्व की संरचना और इन-सीटू सल्फर आइसोचटोप के विश्लेषण से ही तीन ज्वालामुखी की पहचान की गई है.
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