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रक्षा मंत्री और मिनिस्टर्स हुए Israel सरकार के खिलाफ, जानें क्यों डर गए Benjamin Netanyahu

by Divyansh Sharma
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Defense Minister and ministers turned against Israeli government, know why Benjamin Netanyahu got scared

Israel Protests: हमास के आतंकियों ने गाजा (Gaza) में 6 इजराइली बंधकों को गोलियों से भून दिया. बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) के खिलाफ इसके बाद बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई.

Israel Protests: बेंजामिन नेतन्याहू (Benjamin Netanyahu) की सरकार के खिलाफ इजराइल में लोगों का गुस्सा एक बार फिर फूट पड़ा है. इजराइल के लोग गाजा में हमास (Hamas) के कब्जे में रखे गए लोगों को रिहा करने के लिए सरकार की ओर से कोई समझौता ना किए जाने पर अपनी नाराजगी जाहिर कर रहे हैं. पिछले कुछ दिनों में देश भर में लाखों की संख्या में प्रदर्शनकारी सड़कों पर उतरे हैं. वहीं कुछ प्रदर्शनकारियों ने प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के आवास और अमेरिकी दूतावास के बाहर घेराव किया. पिछले साल अक्टूबर में हमास के हमले के बाद पहली बार देशव्यापी हड़ताल ने देश को एक बार फिर थमने पर मजबूर कर दिया है.

2023 में सरकार बनने के बाद कई बार हुए प्रोटेस्ट

बता दें कि हमास के आतंकियों ने गाजा (Gaza) में 6 इजराइली बंधकों को गोलियों से भून दिया. इजराइली सेना ने दक्षिणी गाजा शहर राफा (Rafah Border Crossing) में एक सुरंग से शवों की बरामदगी की घोषणा की. मरने वालों बंधकों की पहचान कार्मेल गाट, हर्श गोल्डबर्ग-पोलिन, ईडन येरुशालमी, अलेक्जेंडर लोबानोव, अल्मोग सारूसी और ओरी डैनिनो के रूप में हुई. विरोध प्रदर्शनों की शुरुआत हुई. इसके बाद सोमवार को प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने परिवारों से माफी भी मांगी. हालांकि, लोगों के बीच असंतोष बढ़ता ही जा रहा है. बता दें कि बेंजामिन नेतन्याहू की सरकार बनने के बाद से उनके खिलाफ कई बार प्रोटेस्ट हुए हैं.

प्रदर्शनकारियों ने किया देशव्यापी हड़ताल का आह्वान

साल 2023 में इजराइल के इतिहास में दक्षिणपंथी सरकार के गठन के बाद से बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन शुरू हो गए. सरकार के गठन के बाद ही प्रदर्शनकारियों ने न्यायिक प्रणाली में सुधार के लिए सरकार के प्रस्तावों पर आक्रोश में सड़कों पर मार्च किया. लोगों ने आरोप लगाया कि बेंजामिन नेतन्याहू की नई सरकार इजराइल के सर्वोच्च न्यायालय की शक्ति को सीमित कर रही है. वहीं 7 अक्टूबर को हुए आतंकी हमले के बाद से लगातार ही विरोध प्रदर्शन फिर से शुरू हो गए हैं. 6 इजराइली बंधकों की हत्या के बाद से लोगों के बीच असंतोष बढ़ गया है और लाखों की संख्या में लोग सड़कों पर उतरे हैं. विपक्षी दलों की ओर से भी देशव्यापी हड़ताल का आह्वान किया जा गिया है.

सुरक्षा प्रमुखों के साथ हुई प्रधानमंत्री की बहस

पिछले सप्ताह सुरक्षा कैबिनेट ने बेंजामिन नेतन्याहू के इस रुख का समर्थन किया कि युद्ध विराम समझौते में IDF को फिलाडेल्फी कॉरिडोर यानी मिस्र और गाजा के बीच एक बफर जोन में तैनात रहना चाहिए. दावा इस बात का भी है कि बेंजामिन नेतन्याहू का देश के शीर्ष सुरक्षा प्रमुखों के साथ टकराव हुआ था. उन्होंने बेंजामिन नेतन्याहू से समझौता स्वीकार करने का आग्रह किया था. ऐसे में दावा इस बात का भी है कि बेंजामिन नेतन्याहू एक मुश्किल स्थिति में हैं. उनके गठबंधन सहयोगी और मंत्री इटमार बेन-ग्वीर और बेजेल स्मोट्रिच ने धमकी दी है कि अगर बेंजामिन नेतन्याहू हमास के साथ अनैतिक समझौते को स्वीकार करते हैं, जो युद्ध में पूरी जीत की गारंटी नहीं देता है, तो वह सरकार को गिरा देंगे.

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रक्षा मंत्री और पीएम के बीच टकराव की स्थिति

इसके साथ ही इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट ने उन पर अपने राजनीतिक अस्तित्व को सुरक्षित रखने के लिए बंधक सौदे के किसी भी अवसर को जानबूझकर तोड़ने का आरोप लगाया है. बता दें कि इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट को बेंजामिन नेतन्याहू का कट्टर प्रतिद्वंद्वी माना जाता है. इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का कहना है कि बंधकों को रिहा करने और गाजा युद्ध को समाप्त करने का एकमात्र तरीका युद्ध विराम है. इससे इजराइली रक्षा बलों को हिजबुल्लाह, लेबनानी सीमा पर तैनात ईरानी आतंकी प्रॉक्सी के खिलाफ लामबंद होने में मदद मिलेगी. इस मुद्दे को लेकर इजराइली रक्षा मंत्री योआव गैलेंट का प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ पहले भी कई बार टकराव देखने को मिला है.

करीब 100 लोग अभी भी हमास की कैद में

बता दें कि हमास के आतंकियों ने 7 अक्टूबर को इजराइल में नरसंहार करने के बाद करीब 250 पुरुषों, महिलाओं और बच्चों का अपहरण कर लिया गया था. इसके बाद इजराइल ने हमास पर हमले पर शुरू कर दिए. जंग के बीच नवंबर में हमास के साथ बंधक-कैदी विनिमय (प्रिजनर एक्सचेंज) के दौरान 100 से अधिक लोगों को रिहा किया गया था. दावा किया जाता है कि करीब 100 लोग अभी भी कैद में हैं. 35 लोगों के मारे जाने की भी जानकारी सामने आई है. ऐसे में हमास समझौते के रूप में गाजा से पूरे इजरायल की वापसी पर जोर दे रहा है, जबकि इजराइल एन्क्लेव में दो गलियारों में इजराइली रक्षा बलों की लगातार तैनाती की मांग कर रहा है.

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