Home International खून से सने थे जजों के रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट के बाहर मारी गोली, हमले से हिल गया ‘श‍िया देश’

खून से सने थे जजों के रिकॉर्ड, सुप्रीम कोर्ट के बाहर मारी गोली, हमले से हिल गया ‘श‍िया देश’

by Divyansh Sharma
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Iran News: ईरान की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मरने वाले जजों की पहचान होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी और होज्जतोलेस्लाम मोहम्मद मोकिसेह के रूप में हुई है.

Iran News: ईरान से बड़ी खबर सामने आ रही है. ईरान की राजधानी तेहरान सरेआम सुप्रीम कोर्ट मुख्यालय के पास एक हमलावर ने अंधाधुंध गोलीबारी की. इस गोलीबारी में कम से कम दो न्यायाधीश मारे गए. ईरान की न्यूज एजेंसी IRNA ने इस हमले की पुष्टि की है. ईरान की ओर से जारी बयान में बताया गया कि मरने वाले जजों की पहचान होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी और होज्जतोलेस्लाम मोहम्मद मोकिसेह के रूप में हुई है.

दोनों जजों को कहा जाता था हैंगमैन

सुप्रीम कोर्ट के प्रवक्ता असगर जहांगीर ने दावा किया है कि दोनों जजों को उनके कमरों में घुसकर मारा गया. इस हमले में दो न्यायाधीश के अलावा एक अन्य घायल हो गया. मीडिया कार्यालय ने यह भी बताया कि मारे गए जजों की पहचान सुप्रीम कोर्ट की शाखा 39 के प्रमुख होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी और शाखा 53 के प्रमुख होज्जतोलेस्लाम मोहम्मद मोकिसेह के रूप में हुई है. हमलावर ने सुप्रीम कोर्ट में भी घुसपैठ की थी.

हमलावर की पहचान और इस हत्या का मकसद अभी तक स्पष्ट नहीं हो पाया है. दावा किया जा रहा है कि हमलावार ने सुसाइड कर लिया. मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक दोनों जजों ने अपने कार्यकाल में सबसे ज्यादा फांसी की सजा सुनाई थी. इस कारण इन दोनों जजों को हैंगमैन कहा जाता था. होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी पर साल 1998 में एक बार पहले भी जानलेवा हमला किया गया था. उस समय वह तेहरान की न्यायपालिका के प्रमुख के रूप में कार्यरत थे.

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हजारों लोगों को दे दी थी फांसी

बताया जा रहा है कि दोनों ही सुप्रीम कोर्ट के दोनों जजों के रिकॉर्ड खून से सने थे. होज्जतोलेस्लाम मोहम्मद मोकिसेह पर अमेरिकी सरकार ने प्रतिबंध लगा रखा है. होज्जतोलेस्लाम मोहम्मद मोकिसेह ने अपने कार्यकाल में पत्रकारों और इंटरनेट यूजर्स को कई साल जेल की सजा सुनाई गई है. दावा किया जा रहा है कि एक मामले में उन्होंने आठ ईरानी फेसबुक यूजर्स को कुल मिलाकर 127 साल जेल की सजा सुनाई थी.

वहीं, साल 1988 में होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी ने तेहरान मृत्यु आयोग में काम करते हुए हजारों लोगों को फांसी की सजा देने को हरी झंडी दी थी. होज्जतोलेस्लाम अली रजिनी ने ईरान के रिवोल्यूशनरी कोर्ट के प्रॉसिक्यूटर के पद पर भी काम किया है. बता दें ईरान में न्यायाधीशों पर हमले बहुत कम देखने को मिलते हैं. हालांकि, ईरान में पिछले कुछ सालों में कई हाई प्रोफाइल हस्तियों को निशाना बनाकर गोलीबारी की कई घटनाएं हुई हैं.

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