India China Relation: सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील है, लेकिन हालात स्थिर हैं.
India China Relation: भारत और चीन के रिश्तों पर जमी बर्फ पिघलने लगी है. हालांकि, चीन अपनी हरकतों से इतनी आसानी से मान जाएगा, क्या है यह संभव है. दरअसल, सेना प्रमुख जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने सोमवार को बहुत बड़ा बयान दिया है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में स्थिति संवेदनशील है, लेकिन हालात स्थिर हैं. उन्होंने यह भी कहा कि बफर जोन में अभी भी गतिरोध की स्थिति है. ऐसे में चीन की मंशा पर सवाल उठने लगे हैं.
विश्वास की एक नई परिभाषा बनाने की बात
सेना प्रमुख ने 15 जनवरी को सेना दिवस से पहले एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने इन बातों का जिक्र किया है. उन्होंने कहा कि पूर्वी लद्दाख में LAC यानी वास्तविक नियंत्रण रेखा पर भारत और चीन की सेनाओं के बीच अब भी कुछ हद तक गतिरोध बना हुआ है. उन्होंने आगे कहा कि साल 2020 में हुए गतिरोध के बाद सीमा पर कई बदलाव हुए हैं. दोनों देशों की सेनाओं ने निर्माण कार्य किए और हथियारों का भंडारण भी किया.
कुछ हद तक गतिरोध है. इसका कारण बताते हुए उन्होंने कहा कि सीमा पर स्थिति बदल दी गई है, इसलिए दोनों देशों के बीच विश्वास की एक नई परिभाषा होनी चाहिए. साथ ही उन्होंने कहा कि सीमा पर स्थिति संवेदनशील लेकिन स्थिर है. इसके अलावा कोर कमांडरों को अब गश्ती से जुड़े मामलों को सुलझाने के अधिकार सौंपे गए हैं, ताकि वह बाद में बड़े मुद्दे न बन जाएं.
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दोनों ओर से स्थिति को सामान्य बनाने पर जोर
जनरल उपेंद्र द्विवेदी ने कहा कि इन मामलों को सुलझाने के लिए विश्वास को बहाल करने पर जोर दिया जाए. बता दें कि पिछले साल 21 अक्टूबर को दोनों देशों के बीच हुए समझौते के तहत दोनों देशों की सेनाओं ने टकराव बिंदुओं पर सैनिकों की वापसी पूरी कर ली थी. वहीं, प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और चीनी राष्ट्रपति शी जिनपिंग ने 23 अक्टूबर को रूस में BRICS शिखर सम्मेलन के दौरान मुलाकात भी की थी.
इस दौरान दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता में कई मुद्दों पर चर्चा हुई थी. इसमें दोनों देशों के बीच द्विपक्षीय वार्ता को फिर से शुरू करने पर सहमति व्यक्त की. इस बातचीत से दोनों देशों के बीच के संबंधों को सामान्य बनाने की मंशा का संकेत मिला था. वहीं, पिछले साल दिसंबर में भारत के NSA यानी राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार अजीत डोभाल ने भी चीन का दौरा कर सीमा विवाद पर चीनी विदेश मंत्री वांग यी के साथ विशेष प्रतिनिधि वार्ता की थी.
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