Home International Jimmy Carter : उम्र का शतक लगा कर ‘आउट’ हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर

Jimmy Carter : उम्र का शतक लगा कर ‘आउट’ हुए अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर

by Sachin Kumar
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Former US President Jimmy Carter out turning 100

Jimmy Carter : अमेरिका के 39वें राष्ट्रपति जिमी कार्टर का लंबी बीमारी के बाद जॉर्जिया में स्थित अपने घर में निधन हो गया. उन्हें त्वचा कैंसर था जिसके कारण यह उनके दिमाग और लीवर तक फैल गया.

Jimmy Carter : अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति जिमी कार्टर का 100 वर्ष की उम्र में जॉर्जिया में स्थित अपने आवास पर निधन हो गया. वह अभी तक के सबसे लंबा जीवन बिताने वाले राष्ट्रपति थे और उन्हें त्वचा कैंसर था जो उनके लिवर और दिमाग तक फैल गया था. इसके बाद उन्होंने अपना इलाज बंद कर दिया और अपने घर पर ही देखभाल में रहने लगे थे. 1 अक्टूबर, 1924 को जन्मे जिमी कार्टर साल 1977 में आर फोर्ड को हराकर राष्ट्रपति पद पर आसीन हुए थे और इस दौरान उन्होंने मिडिल ईस्ट के देशों से अमेरिका के संबंधों को स्थापित किया.

जिमी कार्टर को मिला 2002 में नोबेल पुरस्कार

जिमी कार्टर अपनी ईमानदारी और मानवीयता के लिए अमेरिकी लोगों के बीच काफी प्रशंसनीय व्यक्ति रहे. यही वजह रही कि दुनिया भर में लोकतंत्र और मानवाधिकारों को बढ़ावा देने के लिए उन्हें साल 2002 में नोबेल पुरस्कार से भी सम्मानित किया गया था. कार्टर अपने सार्वजनिक जीवन में लोगों की सेवा करते हुए राष्ट्रपति पद तक पहुंचे. अपनी ईमानदारी को दिखाते हुए उन्होंने अमेरिकी जनता से एक वादा किया और कहा कि मैं अगर कभी आप लोगों से झूठ बोलूं, मैं कोई भ्रामक बयान दूं तो मुझे वोट मत देना. वाटरगेट कांड और वियतनाम युद्ध से गुजर रहे देश को उनके इस वादे ने काफी प्रभावित किया.

निधन पर जो बाइडेन ने किया दुख व्यक्त

जिमी कार्टर के निधन पर अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने कहा कि यह एक दुखद दिन है, लेकिन यह हमें बहुत सारी अच्छी यादें याद दिलाता है. आज अमेरिका और दुनिया ने एक उल्लेखनीय नेता खो दिया है. वह एक राजनेता और मानवतावादी थे. उन्होंने यह भी कहा कि मैंने अपना एक प्रिय मित्र भी खो दिया है. जिमी कार्टर ने शब्दों से नहीं, बल्कि अपने कामों से जीवन जिया. उन्होंने न केवल अमेरिका में बल्कि दुनिया भर में बीमारी को मिटाने के लिए काम किया. उन्होंने न केवल शांति स्थापित की बल्कि नागरिक अधिकारों, मानवाधिकारों को आगे बढ़ाया और दुनिया भर में स्वतंत्र और निष्पक्ष चुनावों को बढ़ावा दिया.

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