14th East Asia Summit : भारतीय विदेश मंत्री ने लाओस में हो रहे 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में विदेश मंत्रियों की बैठक में अंतरराष्ट्रीय मुद्दे उठाए.
27 July, 2024
14th East Asia Summit : विदेश मंत्री एस. जयशंकर (External Affairs Minister S Jaishankar) ने शनिवार को लाओस की राजधानी वियनतियाने में 14वें पूर्वी एशिया शिखर सम्मेलन (EAS) में विदेश मंत्रियों की बैठक को संबोधित किया. इस मीटिंग में एस. जयशंकर ने दक्षिण चीन सागर में संचार (Communications) की समुद्री लाइनों को सुरक्षित करने के लिए एक ठोस और प्रभावी आचार संहिता की आवश्यकता पर जोर दिया. उन्होंने समुद्री रास्तों पर चीन के विस्तार की बढ़ती चिंताओं के बीच भारत-प्रशांत क्षेत्र की शांति और स्थिरता के लिए महत्वपूर्ण बताया. उन्होंने कहा कि फिलिस्तीन के लोगों को मानवीय सहायता भारत आगे भी जारी रखेगा.
भारत रहेगा एकता पर कायम
विदेश मंत्री ने कहा कि भारत अपनी एक्ट ईस्ट नीति के जरिये आसियान की एकता और केंद्रीयता को कायम रखेगा. इसके लिए बस आचार संहिता ठोस और प्रभावी होनी चाहिए. साथ ही यह संहिता अंतरराष्ट्रीय कानून के विरुद्ध नहीं होना चाहिए और चर्चा में शामिल होने वाले देशों पर कोई प्रतिकूल प्रभाव भी नहीं पड़ना चाहिए. इसके अलावा, हिंद-प्रशांत में संसाधन-समृद्ध दक्षिण चीन सागर को व्यापक रूप से ग्लोबल संघर्ष के लिए एक केंद्र बिंदु के रूप में देखा जाता है. दक्षिण चीन सागर पर रिपब्लिक ऑफ चाइना अपना दावा करता है, जबकि वियतनाम, फिलीपींस, मलेशिया, ब्रुनेई और ताइवान भी इसको अपने देश का हिस्सा मानते हैं.
दक्षिण-पश्चिम-पूर्वोत्तर एशिया को जोड़ता है चीन सागर
दक्षिण चीन सागर दक्षिण-पश्चिम-पूर्वोत्तर एशिया को जोड़ने का काम करता है. वहीं, दक्षिण-पूर्व एशियाई देश दक्षिण चीन सागर में टकराव कम करने के लिए लगातार चीन से बात कर रहे हैं. साथ ही बैठक में एस. जयशंकर ने गाजा में छिड़े युद्ध को खत्म कर शांति बरतने का आह्वान किया है. इसके अलावा विदेश मंत्री ने लाल सागर में व्यापारिक जहाजों पर हो रहे हमलों को लेकर भी चिंता व्यक्त की.
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