Hezbollah News : अमेरिका में हिजबुल्लाह का समर्थन करने के बाद एक प्रोफेसर को लेबनान निर्वासित कर दिया गया. अभी तक ट्रंप प्रशासन उन पर कार्रवाई कर रहा था जिन्होंने हमास का समर्थन किया.
Hezbollah News : लेबनान के एक डॉक्टर को अमेरिकी वीजा होने के बाद भी उन्हें निर्वासित कर दिया गया. हिजबुल्लाह (Hezbollah) नेता का समर्थन करने और उसके अंतिम संस्कार में शामिल होने के लिए सोशल मीडिया पर खुला समर्थन किया है. इसके बाद विभाग ने डॉ. राशा अलावीह (Dr. Rasha Alawieh) उनके बयान पर स्पष्टीकरण मांगा और फिर उन्हें निर्वासित कर दिया. इस बीच संघीय न्यायाधीश ने आदेश दिया कि जब तक कोर्ट में सुनवाई हो रही है तब तक उन्हें पद से नहीं हटाया जाए. वहीं, सरकारी वकीलों ने कहा कि डॉ. अलावीह को लेबनान भेजने के बाद ही टैरिफ अधिकारियों को सूचना दी गई.
डॉक्टर की वकील बोली – लड़ाई जारी रखेंगे
डॉ. अलावीह से पहले अमेरिका में कोलंबिया यूनिवर्सिटी में गाजा युद्ध के विरोध प्रदर्शन का नेतृत्व करने वाले फिलिस्तीनी कार्यकर्ता महमूद खलील को गिरफ्तार किया गया था और उसके बाद पीएचडी स्कॉलर का वीजा रद्द कर दिया गया. ट्रंप प्रशासन ने सैंकड़ों अप्रवासियों को अल साल्वाडोर में ट्रांसफर कर दिया गया जबकि एक संघीय न्यायाधीश ने निर्वासन पर अस्थायी रूप से रोक लगाने के लिए ऑर्डर पास किया गया. लेकिन उससे पहले ही निर्वासितों को लेकर दो विमान रवाना हो गए थे. वहीं, डॉ. अलावीह की वकील स्टेफनी मार्जौकने कहा कि वह 34 वर्षीय डॉक्टर को अमेरिका में वापसी के लिए लड़ाई जारी रखेंगी. ताकी वह अपने पेसेंट को देख सकें और उनका समय पर इलाज भी किया जा सके.
फोन में थी हसन नसरल्लाह की तस्वीरें
मार्जौक ने होमलैंड सिक्युरिटी के उन आरोपों पर टिप्पणी के लिए अनुरोध का तुरंत जवाब नहीं दिया कि अलावीह ने एक हिज्बुल्लाह नेता का समर्थन किया था. न्याय विभाग ने अदालत में अलावीह को निर्वासित करने के फैसले पर कई सारे डॉक्यूमेंट भी जमा किए हैं. लेकिन फेडरल कोर्ट ने उन सभी दस्तावेजों को सील कर दिया है. बता दें कि कोर्ट ने जिन दस्तावेजों को सील किया है उनको अदालत में पेश करने से पहले समाचार आउटलेट ने उनके अभिलेखों का हवाला देते हुए दावा किया है कि अलावीह के फोन पर पिछले तीन दशकों से लेबनानी आतंकी संगठन के नेता हसन नसरल्लाह की तस्वीरें थीं. दूसरी तरफ बोस्टन ग्लोब ने बताया कि उसके फोन में हिजबुल्लाह के लड़ाकों और शहीदों की तस्वीरें थीं.
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