Donald Trump Gaza plan: डोनाल्ड ट्रंप ने कहा कि अमेरिका गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा. फिलिस्तीनियों को कहीं और बसा कर गाजा पट्टी का आर्थिक विकास करेगा.
Donald Trump Gaza plan: अमेरिका की सत्ता संभालने से पहले और बाद में डोनाल्ड ट्रंप ने युद्ध रोकने का वादा किया था. अब उनके ताजा बयान ने मिडिल-ईस्ट में तनाव बढ़ा दिया है. उन्होंने मंगलवार को इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के सामने बड़ा खुलासा करते हुए कहा कि अमेरिकी सरकार युद्धग्रस्त गाजा पट्टी पर कब्जा करेगा.
इसके साथ ही उन्होंने कहा कि उनकी सरकार फिलिस्तीनियों को कहीं और बसा कर गाजा पट्टी और फिलिस्तीनियों का आर्थिक विकास करेगी. इस पर सऊदी अरब ने कड़ा एतराज जताया है. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप ने मिडिल-ईस्ट युद्ध रोकने के बजाए और भड़का दी है.
क्राउन प्रिंस ने दिया दोनों को दिया जवाब
मंगलवार को एक चौंकाने वाली घोषणा में डोनाल्ड ट्रंप ने कहा था कि फिलिस्तीनियों को किसी और जगह बसाने के बाद अमेरिका युद्ध से तबाह हुए गाजा पट्टी को अपने नियंत्रण में ले लेगा और इसे आर्थिक रूप से विकसित करेगा. इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ संयुक्त प्रेस कॉन्फ्रेंस में उनके बयान ने सभी को हैरान कर दिया. इस बयान के कुछ देर बाद ही सऊदी अरब के विदेश मंत्रालय ने बयान जारी कर एतराज जताया है.
"The U.S. will take over the Gaza Strip, and we will do a job with it, too." –President Donald J. Trump pic.twitter.com/aCqLl9Gwwn
— President Donald J. Trump (@POTUS) February 5, 2025
विदेश मंत्रालय ने क्राउन प्रिंस और प्रधानमंत्री मोहम्मद बिन सलमान के हवाले से बताया कि सऊदी अरब पूर्वी यरुशलम को अपनी राजधानी के साथ एक स्वतंत्र फिलिस्तीनी राज्य की स्थापना के लिए अपने लगातार प्रयास जारी रखेगा. इसके बिना वह इजराइल के साथ कभी भी राजनयिक संबंध स्थापित नहीं करेगा. साथ ही उन्होंने शांतिप्रिय देशों से फिलिस्तीन राज्य को मान्यता देने का आग्रह किया. इजराइल और अमेरिका को दो टूक जवाब देते हुए कहा कि सऊदी अरब फिलिस्तीनी और फिलिस्तीन की जमीन पर होने वाले किसी भी तरह के कब्जे का विरोध भी करेगा.
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फिलिस्तीनियों को लेकर अरब देश गंभीर
गौरतलब है कि फिलिस्तीनियों को गाजा पट्टी से हटाने का प्रस्ताव फिलिस्तीनियों और अरब देशों के लिए सबसे अधिक संवेदनशील मामला है. वहीं, सऊदी अरब भी अमेरिका के लिए बहुत महत्वपूर्ण है. कुछ समय पहले डोनाल्ड ट्रंप के पहले शासन में अमेरिका ने ही सऊदी अरब को इसजराइल के साथ संबंधों को सामान्य बनाने और देश को मान्यता देने के लिए महीनों तक कूटनीति का नेतृत्व किया था. बाद में गाजा पट्टी में भड़की लड़ाई ने सामान्य संबंधों को ठंडे बस्ते में डालने पर मजबूर कर दिया था.
अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप चाहते हैं कि सऊदी अरब, UAE यानि संयुक्त अरब अमीरात जैसे देशों की ओर से किए गए अब्राहम समझौते के नक्शेकदम पर चले. सऊदी अरब दुनिया का सबसे बड़ा तेल निर्यातक है. ऐसे में अमेरिका और इजराइल सऊदी अरब के साथ संबंध सामान्य रखना चाहते हैं. अब सऊदी अरब ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के प्रस्ताव पर कड़ा एतराज जताया है. वहीं, मिस्र, जॉर्डन और पश्चिम एशिया में अन्य अमेरिकी सहयोगी देश पहले ही डोनाल्ड ट्रंप गाजा से फिलिस्तीनियों के स्थानांतरण के खिलाफ चेतावनी दे चुके हैं. ऐसे में देखना दिलचस्प होगा कि डोनाल्ड ट्रंप इस पर क्या रुख अपनाते हैं.
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