H-1B Visa: नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप और एलन मस्क ने किया H-1B वीजा पर बड़ा बयान दिया है. उन्होंने इस वीजा का समर्थन किया.
H-1B Visa: लगातार चल रही H-1B वीजा को लेकर विवाद में अब एक नया मोड़ आया है. टेस्ला मोटर्स के सीईओ एलन मस्क को H-1B वीजा कार्यक्रम को बचाने के लिए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का समर्थन मिला है. एक दिन पहले ही अरबपति टेक कारोबारी ने कुशल विदेशी पेशेवरों को अमेरिका लाने के इस कार्यक्रम की रक्षा करने के लिए युद्ध तक करने की कसम खाई थी.
क्या है H-1B वीजा ?
H-1B वीजा एक गैर-प्रवासी वीजा है, जिसके तहत अमेरिकी कंपनियों को ऐसे विशेष व्यवसायों में विदेशी पेशेवरों को नियुक्त करने की अनुमति मिलती है, जिनमें व्यावसायिक या प्रौद्योगिकी विशेषज्ञता की जरूरत होती है. प्रौद्योगिकी कंपनियां भारत और चीन जैसे देशों से हर साल हजारों कर्मचारियों को नियुक्त करने के लिए इस पर निर्भर करती हैं.
हर साल होती हैं भर्तियां
अमेरिका हर साल 65,000 H-1B वीजा जारी करता है, जबकि 20,000 अतिरिक्त वीजा अमेरिकी संस्थानों से एडवांस डिग्री धारकों के लिए आरक्षित होते हैं. ये वीजा अमेरिका में रोजगार की तलाश कर रहे कई भारतीय पेशेवरों के लिए अहम है. उन्हें ज्यादा मांग वाले सेक्टरों में करियर बनाने का मौका देती है.
क्यों कर रहे हैं इसकी मांग?
टेक उद्योग लंबे समय से अमेरिका में कुशल पेशेवरों को आकर्षित करने के लिए ज्यादा H-1B वीजा की मांग कर रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप के कई समर्थक और विदेशी पेशेवरों का विरोध करने वाले इमिग्रेशन पर बहस के बीच H-1B वीजा कार्यक्रम को खत्म करने के लिए लगातार दबाव बना रहे हैं.
डोनाल्ड ट्रंप ने दिया बयान
इस मुद्दे पर बात करते हुए नवनिर्वाचित राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने H-1B वीजा के लिए अपना समर्थन व्यक्त किया. उन्होंने H-1B वीजा पर बात करते हुए कहा कि मुझे हमेशा से वीजा पसंद रहा है. मैं हमेशा से वीजा के पक्ष में रहा हूं. इसलिए हमारे पास ये है. मेरी कंपनियों में कई H-1B वीजा वाले लोग हैं. मैं H-1B में विश्वास करता रहा हूं. मैंने कई बार इसका इस्तेमाल किया है. यह एक बेहतरीन कार्यक्रम है. हालांकि, अपने पहले कार्यकाल में उन्होंने H-1B वीजा को बैन करने को लेकर बात कही थी.
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