Bybit Cryptocurrency: आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज चोरी की घटना सामने आई है. इससे डिजिटल एसेट प्लेटफॉर्म की सुरक्षा चिंता बढ़ गई है.
Bybit Cryptocurrency: क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज Bybit ने शुक्रवार को बड़ी हैरान करने वाली जानकारी दी है. सिक्युरिटी कमजोर होने के कारण 4,01,347 ETH यानि एथेरियम की चोरी हो गई है. इसका मूल्य 1.46 बिलियन डॉलर (12,850 करोड़ रुपये) से अधिक बताया जा रहा है. बता दें कि यह घटना आज तक की सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी एक्सचेंज चोरी में से एक है. इससे डिजिटल एसेट प्लेटफॉर्म की सुरक्षा पर चिंता बढ़ गई है. इस चोरी के पीछे लाजरस ग्रुप को जिम्मेदार माना जा रहा है.
दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टो करेंसी
बता दें कि इथेरियम दुनिया की दूसरी सबसे बड़ी क्रिप्टोकरेंसी है. यह एक स्मार्ट दुनिया में डील करने के लिए एक वर्चुअल करेंसी मानी जाती है. न्यूज एजेंसी रॉयटर्स ने भी इस घटना की पुष्टि कर दी है. Bybit ने बताया कि डिजिटल वॉलेट के बीच सबसे लोकप्रिय क्रिप्टो करेंसी में से एक एथेरियम के रेगुलर ट्रांसफर को एक हैकर ने हैक कर लिया. इसके बाद हैकर ने क्रिप्टो को एक अज्ञात एड्रेस पर ट्रांसफर कर लिया.
Bybit के CEO बेन झोउ ने एक X पोस्ट कर लिखा कि साइबर हमला सिर्फ ईथर कोल्ड नाम के वॉलेट पर हमला हुआ था. एक्सचेंज के अन्य सभी वॉलेट अप्रभावित थे. फोरेंसिक जांच में बताया जा रहा है कि क्रेडेंशियल पाने के लिए हैकर्स ने हाईटेक फिशिंग टेक्नोलॉजी और सोशल इंजीनियरिंग का इस्तेमाल किया था.
अब कंपनी ने कहा है कि सभी ग्राहकों के पैसे सुरक्षित हैं और हमारा काम बिना किसी व्यवधान के सामान्य रूप से जारी है. साथ ही कंपनी ने यह भी कहा कि फोरेंसिक विशेषज्ञों के साथ मिलकर उसकी सिक्युरिटी टीम घटना की जांच कर रही है. गौरतलब है कि दुनिया भर में Bybit पर 60 मिलियन से अधिक यूजर्स हैं. कंपनी ने यूजर्स को बताया है कि हैकिंग की खबर से विड्राल रिक्वेस्ट में उछाल आया है और उन्हें प्रोसेस करने में देरी हो सकती है.
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नॉर्थ कोरिया से जुड़ा है हमलावर ग्रुप
सूत्रों के मुताबिक इस साइबर हमले को नॉर्थ कोरिया की सरकार की ओर से फंडेड हैकिंग इकाई लाजरस ग्रुप ने अंजाम दिया है. ब्लॉकचेन जांचकर्ता ZachXBT ने भी इसके लिए लाजरस ग्रुप के पिछले हैकिंग की घटनाओं के समान पैटर्न की पहचान की है. बता दें कि लाजरस ग्रुप को गार्डियंस ऑफ पीस या हूइस टीम के नाम से भी जाना जाता है.
यह साइबर अपराधी संगठन है, जो साल 2010 से कई तरह के साइबर हमलों को अंजाम दे रहा है. पहले इसे एक आपराधिक गैंग माना जाता था. बाद में इसे एडवांस्ड पर्सिस्टेंट थ्रेट के रूप में जाना जाता है. हिडन कोबरा, ZINC या डायमंड स्लीट जैसे नाम भी दिए गए हैं. अमेरिकी न्याय विभाग ने इस ग्रुप को नॉर्थ कोरिया से संबंधित बताया है. लाजरस ग्रुप का सबसे पहला ज्ञात ऑपरेशन का नाम है ऑपरेशन ट्रॉय.
ग्रुप ने साल 2009 से लेकर 2012 तक DDoS यानि डेनियल-ऑफ-सर्विस हमलों के जरिए साइबर-जासूसी को अंजाम दिया था. साल 2014 में इसी ग्रुप ने सोनी पिक्चर्स पर हमला कर पूरी दुनिया को हैरान कर दिया. इसके अलावा इस ग्रुप में इक्वाडोर में बैंको डेल ऑस्ट्रो से 12 मिलियन डॉलर, वियतनाम में टीएन फोंग बैंक से 1 मिलियन डॉलर, बांग्लादेश बैंक डकैती से 81 मिलियन डॉलर की चोरी को अंजाम दिया है.
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