Home International Congo में बच्चों की युद्ध में भर्ती, यातना और हत्या… कब्जा करने की होड़ में निर्ममता पर उतरे विद्रोही

Congo में बच्चों की युद्ध में भर्ती, यातना और हत्या… कब्जा करने की होड़ में निर्ममता पर उतरे विद्रोही

by Divyansh Sharma
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Congo M23 Violence: गोमा और बुकावु पर कब्जा करने के बाद तनाव बढ़ गया है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख ने M23 पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है.

Congo M23 Violence: रवांडा समर्थित विद्रोही गुट M23 ने कांगो के खनिज समृद्ध पूर्वी क्षेत्र में एक महीने से भी कम समय में दो प्रमुख शहरों पर कब्जा कर लिया है. गोमा और बुकावु पर कब्जा करने के बाद दोनों ही शहरों में तनाव बढ़ गया है. इस बीच संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क ने M23 पर बहुत बड़ा आरोप लगाया है. उन्होंने कहा कि रवांडा समर्थित विद्रोही गुट बच्चों को यातना दे रहा है और हत्या कर रहा है. साथ ही कई अन्य बच्चों को संघर्ष में भर्ती कर हथियार भी सौंप रहा है.

सरकारी बलों और विद्रोहियों पर भी लग चुके हैं आरोप

संयुक्त राष्ट्र मानवाधिकार प्रमुख वोल्कर तुर्क मंगलवार को कहा कि उनके कार्यालय ने बुकावु पर कब्जा करने के बाद M23 गुट की ओर से बच्चों को मौत के घाट उतारने के मामलों की पुष्टि की है. उन्होंने दावा किया कि हमें यह भी पता है कि कुछ बच्चों के पास हथियार थे. इस मामले पर आगे उन्होंने ज्यादा कुछ नहीं बताया, लेकिन बता दें कि लेकिन संयुक्त राष्ट्र एजेंसियों ने पहले भी कांगो के सरकारी बलों और विद्रोहियों दोनों पर बच्चों की भर्ती करने का आरोप लगाया है.

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गौरतलब है कि M23 विद्रोहियों ने पिछले महीने गोमा पर कब्जा करने के बाद रविवार को 1.3 मिलियन लोगों की आबादी वाले बुकावु शहर पर कब्जा कर लिया. एजेंसियों के मुताबिक गोमा में लड़ाई के दौरान कम से कम 3 हजार लोगों के मारे जाने और हजारों लोगों के विस्थापित होने की पुष्टि की है. अंतरराष्ट्रीय रेड क्रॉस समिति के फ्रांकोइस मोरिलोन ने बताया कि मंगलवार की सुबह ही बुकावु में 20 से अधिक लोगों के शव बरामद किए गए.

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खरबों डॉलर की खनिज संपदा के लिए मार-काट

बता दें कि M23 गुट उन 100 से ज्यादा सशस्त्र समूहों में सबसे प्रमुख है, जो पूर्वी कांगो की खरबों डॉलर की खनिज संपदा पर कब्जा करने की होड़ में लगे हुए हैं. यह खनिज संपदा पूरी दुनिया के लिए जरूरी हैं. संयुक्त राष्ट्र से मिली जानकारी के मुताबिक M23 विद्रोहियों को पड़ोसी रवांडा के लगभग 4 हजार से ज्यादा सैनिकों का समर्थन प्राप्त है. रवांडा की सरकार ने कई मौकों बार कांगो पर साल 1994 में अल्पसंख्यक तुत्सी के नरसंहार के लिए जिम्मेदार हुतु लड़ाकों को भर्ती करने का आरोप लगाया है.

वहीं, M23 गुट का कहना है कि वह रवांडा मूल के तुत्सी और कांगोली लोगों को भेदभाव से बचाने के लिए लड़ रहा है. वह कांगो को एक असफल राज्य से आधुनिक राज्य में बदलना चाहता है. बता दें कि साल 2012 में M23 में कुछ समय के लिए गोमा पर कब्जा कर लिया था. बाद में वह अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद वापस चले गए थे. अब माना जा रहा है कि इस बार विद्रोही राजनीतिक सत्ता पर नजर गड़ाए हुए हैं.

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