Bangladesh Violence: डॉ. एस जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) ने कहा कि बांग्लादेश में स्थिति अभी भी खराब है. उन्होंने उम्मीद जताई कि नई सरकार भारतीय लोगों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी.
06 August, 2024
Bangladesh Violence: बांग्लादेश में इस वक्त तनाव अपने चरम पर है. बीते दिन सरकारी नौकरियों में आरक्षण के खिलाफ छात्रों और विपक्षी दलों का आंदोलन के कारण शेख हसीना को अपने प्रधानमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा. वहीं इस्तीफे के बाद उन्होंने बांग्लादेश भी छोड़ दिया है. इसे लेकर भारत की भी चिंताएं बढ़ गई है. भारत के प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी और विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर (Dr. S. Jaishankar) बारीकी से नजर रख रहे हैं. इसे लेकर विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने स्वत: संज्ञान लेकर राज्यसभा और लोकसभा में अपना बयान दिया. उन्होंने कहा कि भारत-बांग्लादेश के बीच के संबंध कई दशकों से सभी सरकारों के दौरान घनिष्ठ रहे. उन्होंने कहा कि हाल में हुई हिंसा और अस्थिरता के बारे में राजनीतिक स्पेक्ट्रम में बांग्लादेश को लेकर चिंता साझा की गई है.
चुनाव के बाद भड़की हिंसा
विदेश मंत्री डॉ. एस जयशंकर ने अपने बयान में कहा कि बांग्लादेश में इस साल हुए चुनाव के बाद से ही बांग्लादेश की राजनीति में काफी तनाव, गहरे विभाजन और ध्रुवीकरण हुए हैं, जून में शुरू हुए छात्रों ने आंदोलनों को और बढ़ा दिया. उन्होंने कहा कि भारत सरकार ने बार-बार संयम बरतने की सलाह दी और बातचीत के माध्यम से स्थिति को शांत करने पर जोर दिया. उन्होंने आगे कहा कि बांग्लादेश के सुप्रीम कोर्ट के 21 जुलाई को सुनाए गए फैसले के बाद से भी आंदोलन कम नहीं हुआ. आंदोलन के उग्र होने पर पुलिस और सेना की कार्रवाई ने स्थिति को और बिगाड़ दिया. इससे आंदोलन एक सूत्रीय एजेंडे पर सिमट गया, वह था प्रधानमंत्री शेख हसीना का जल्द से जल्द इस्तीफा.
बीते दिन दिल्ली पहुंची शेख हसीना
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि 4 अगस्त को पुलिस थानों और सरकारी प्रतिष्ठानों सहित पुलिस पर हमले तेज हो गए. पूरे देश में शासन से जुड़े लोगों की की संपत्तियों को आग लगा दी गई. उन्होंने कहा कि बांग्लादेश में रहने वाले अल्पसंख्यकों, उनके व्यवसायों और मंदिरों पर भी बड़े हमले किए गए, यह विशेष रूप से चिंताजनक बातथी. इस मामले में अन्य जानकारी की प्रतीक्षा है. उन्होंने दावा किया कि सुरक्षा से जुड़े अधिकारियों और नेताओं से बात करने के बाद शेख हसीना ने इस्तीफा देने का फैसला किया. इस्तीफे के बाद उन्होंने बहुत कम समय में उन्होंने भारत आने के लिए मंजूरी मांगी. हमें उसी समय बांग्लादेशी अधिकारियों ने उड़ान की मंजूरी के लिए आग्रह किया. फिर शेख हसीना बीते दिन दिल्ली पहुंची.
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बांग्लादेश में स्थिति अभी भी खराब
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि बांग्लादेश में स्थिति अभी भी खराब है. सेना प्रमुख जनरल वकर-उज-जमान ने बीते दिन राष्ट्र को संबोधित करते हुए देश की जिम्मेदारी संभालने और अंतरिम सरकार के गठन का एलान किया. डॉ. एस जयशंकर ने बताया कि बांग्लादेश में 19 हजार भारतीय नागरिक हैं, जिनमें से वहां पढ़ने वाले लगभग 9 हजार छात्र हैं. भारतीय उच्चायोग की सलाह को मानते हुए जुलाई में ही अधिकांश छात्र भारत वापस आ गए हैं. ढाका में उच्चायोग के अलावा चटगांव, राजशाही, खुलना और सिलहट में भी भारत के राजनयिक मौजूद हैं. उन्होंने उम्मीद जताई कि नई सरकार भारतीय लोगों की और प्रतिष्ठानों के लिए आवश्यक सुरक्षा प्रदान करेगी.
अलर्ट पर सीमा सुरक्षा बल
डॉ. एस जयशंकर ने कहा कि स्थिति स्थिर होने के बाद उनके सामान्य कामकाज शुरू होने की प्रतीक्षा कर रहे हैं. साथ ही उन्होंने कहा कि हम बांग्लादेश में अल्पसंख्यकों की स्थिति के संबंध में भी स्थिति की निगरानी कर रहे हैं. वहां मौजूद अल्पसंख्यकों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए विभिन्न समूहों और संगठनों की ओर से कदम उठाए जा रहे हैं. साथ ही उन्होंने सदन में कहा कि हमारे सीमा सुरक्षा बलों को भी इस जटिल स्थिति को देखते हुए विशेष रूप से सतर्क और अलर्ट पर रहने के निर्देश दिए गए हैं. पिछले 24 घंटों से हम ढाका में अधिकारियों के साथ भी लगातार संपर्क में बने हुए हैं. इसके साथ ही उन्होंने सदन के सदस्यों से समझ और समर्थन की मांग की. वहीं दूसरी ओर बांग्लादेश के राष्ट्रपति मोहम्मद शहाबुद्दीन ने मंगलवार को संसद को भंग कर दिया.
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