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Bangladesh की सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला, आरक्षण में की कटौती; ढाका में अतिरिक्त सेना तैनात

by Divyansh Sharma
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Bangladesh की सुप्रीम कोर्ट ने बदला फैसला, आरक्षण में की कटौती; ढाका में अतिरिक्त सेना तैनात

Bangladesh Protests: बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा रद्द करने की मांग कर रहे थे. देखते-देखते ही यह प्रदर्शन हिंसक हो गया. हिंसक प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई में 100 से ज्यादा लोग मारे गए.

21 July, 2024

Bangladesh Protests: बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने बड़ा फैसला सुनाया है. बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने विवादास्पद सरकारी नौकरी कोटा नियम को रद्द कर दिया है. सरकारी नौकरियों में कोटा रद्द करने का फैसला सुनाते हुए कहा कि देश में 93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता के आधार पर होनी चाहिए. इसके साथ ही कोर्ट ने बड़ी टिप्पणी करते हुए कहा कि स्वतंत्रता सेनानियों के रिश्तेदारों के लिए केवल 5 प्रतिशत व जातीय अल्पसंख्यकों, ट्रांसजेंडर और विकलांग लोगों के लिए 2 प्रतिशत आरक्षण की अनुमति होगी.

93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता के आधार पर

दरअसल, बांग्लादेश में छात्र सरकारी नौकरियों में कोटा रद्द करने की मांग कर रहे थे. देखते-देखते ही यह प्रदर्शन हिंसक हो गया. हिंसक प्रदर्शन और पुलिस कार्रवाई में 100 से ज्यादा लोग मारे गए और हजारों की संख्या में लोग घायल हुए. अब इस पर बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया है कि भूतपूर्व सैनिकों के परिवार के लोगों का कोटा घटाकर 5 प्रतिशत कर दिया जाए और 93 प्रतिशत नौकरियां योग्यता के आधार पर दी जाए. साथ ही इसमें 7 प्रतिशत आरक्षण अल्पसंख्यकों, ट्रांसजेंडर और विकलांग लोगों के लिए अलग से रखा जाएगा. वहीं दूसरी बांग्लादेश में रविवार को समाप्त होने वाला राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू को अनिश्चित काल तक के लिए बढ़ा दिया गया है. फैसले के तुरंत बाद राजधानी ढाका में अतिरिक्त सेना को तैनात कर दिया गया. कई जगहों पर मोबाइल सेवाओं पर रोक लगा दी गई है.

अनिश्चित काल तक के लिए बढ़ा राष्ट्रव्यापी कर्फ्यू

बता दें कि, बांग्लादेश की इस विवादास्पद कोटा प्रणाली 1972 में देश के प्रथम नेता शेख मुजीबुर रहमान की ओर से शुरू की गई थी. इस नियम के मुताबिक साल 1971 में पाकिस्तान से आजादी की लड़ाई में लड़ने वाले लोगों के बच्चों और नाती-नातिनों के साथ-साथ अन्य पहचाने गए समूहों के लिए सरकारी नौकरियों में एक प्रतिशत का आरक्षण सुनिश्चित किया गया. कुल मिलाकर सबसे ज्यादा मांग वाली नौकरियों में से लगभग 56 प्रतिशत स्वतंत्रता सेनानियों के लिए आरक्षित थीं और अन्य 44 प्रतिशत को योग्यता आधारित माना जाता था. इसके बाद साल 2018 में इसे अवैध माना गया और समाप्त कर दिया गया, लेकिन 5 जून को देश के उच्च न्यायालय ने स्वतंत्रता सेनानियों के बच्चों के लिए सरकारी नौकरियों में 30 प्रतिशत आरक्षण कोटा बहाल कर दिया. इस पर बवाल शुरू हो गया. बांग्लादेश की सुप्रीम कोर्ट 7 अगस्त को इस बदलाव के खिलाफ अपील पर सुनवाई करने वाला है.

यह भी पढ़ें: भारत में ‘Freedom Of Press’ पर छिड़ी बहस, एडिटर्स गिल्ड ऑफ इंडिया ने राहुल गांधी को लिखा पत्र; कर दी बड़ी मांग

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