America-Iran Row: जवाद जरीफ ने कहा है कि अमेरिका के फैसले से ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के राजनीतिक विरोधियों के हाथ मजबूत होने की संभावना है.
America-Iran Row: अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू के साथ मुलाकात कर ईरान के प्रति अपनी नई नीति दुनिया के सामने रख दी है. ऐसे में ईरान के साथ अमेरिका के रिश्ते और बातचीत फिर से गंभीर हो गई है. साथ ही डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर दबाव डालने के लिए एक प्रस्ताव पर साइन भी किया है. इससे ईरान में खलबली मच गई है.
ईरान के राष्ट्रपति पर बढ़ सकता है दबाव
दरअसल, इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू ने मंगलवार को अमेरिका का दौरा किया. इस दौरान राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने ईरान पर दबाव डालने के लिए एक प्रस्ताव पर साइन कर दिया है. ऐसे में माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से अमेरिका और ईरान के बीच बातचीत की संभावनाएं कम होती जा रही हैं. ईरान के अधिकारियों, न्यूज चैनलों और न्यूज एजेंसियों ने इसके लिए इजराइल के प्रधानमंत्री बेंजामिन नेतन्याहू को जिम्मेदार माना है.
ईरान के विदेश मंत्रालय ने भी कहा है ईरान पर दबाव डालने वाले प्रस्ताव पर साइन करके डोनाल्ड ट्रंप ने गहरी शत्रुतापूर्ण नीति अपना ली है. ईरान के रणनीतिक मामलों के उपाध्यक्ष जवाद जरीफ ने कहा है कि अमेरिका के इस फैसले से ईरान के राष्ट्रपति मसूद पेजेशकियन के राजनीतिक विरोधियों के हाथ मजबूत होने की संभावना है. उन्होंने दावा किया कि राजनीतिक विरोधी नहीं चाहते हैं कि डोनाल्ड ट्रंप और मसूद पेजेशकियन की बातचीत हो.
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ईरान ने दी अमेरिका को धमकी
बता दें कि जवाद जरीफ साल 2015 में ईरान की ओर से मुख्य वार्ताकार थे. इसी दौरान ईरान और संयुक्त राज्य अमेरिका समेत छह विश्व शक्तियों के बीच एक ऐतिहासिक समझौता हुआ था. हालांकि, डोनाल्ड ट्रंप ने पहली बार सत्ता में आने के बाद वापस ले लिया था. माना जा रहा है कि डोनाल्ड ट्रंप के इस फैसले से ईरान में बड़ी हलचल मच गई है. ईरानी विदेश मंत्रालय के प्रवक्ता इस्माइल बाघेई ने भी अमेरिका का बिना नाम लिए कहा कि ईरान किसी भी खतरे और दबाव का अधिक से अधिक ताकत के साथ जवाब देगा. साथ ही उसने ईरान के परमाणु हथियार बनाने वाले दावे को निराधार बताया है.
वहीं, ईरानी आतंकियों की ओर से डोनाल्ड ट्रंप की हत्या की साजिश रचने वाले दावे को भी उन्होंने खारिज कर दिया है. बता दें कि ईरान और अमेरिका के बीच विश्वास पहले से ही बहुत कम हो चुका है. इसी बीच ईरान ने बुधवार को एक सैन्य अभ्यास किया. इस अभ्यास में ईरान रूस निर्मित लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणालियों का इस्तेमाल किया. ईरानी सरकारी टीवी के मुताबिक ईरानी सेना ने ईरान की लंबी दूरी की वायु रक्षा प्रणाली बावर-373 और रूस निर्मित S-300 ने मिसाइल का परीक्षण भी किया. ऐसे में माना जा रहा है कि ईरान और अमेरिका के बीच दुश्मनी और बढ़ सकती है.
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