Deporting of Indian Immigrants : अमेरिका से निर्वासन किए गए भारतीयों की संख्या 104 है और इसमें से एक ने बताया कि उसका अपमान करते हुए यहां पर लाया गया.
Deporting of Indian Immigrants : अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप (Donald Trump) दूसरी बार सत्ता पर लौटने के बाद ‘प्रथम अमेरिकी’ सिद्धांत पर चलते हुए USA में अवैध रूप से रह रहे भारतीय प्रवासियों के निष्कासन की पहली खेप स्वदेश भेज दी है. इस कड़ी में एक अमेरिकी सैन्य विमान श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर बुधवार को लैंड हो गया और इसमें करीब 104 भारतीय सवार थे. इसी बीच इन प्रवासियों में से एक नागपुर के रहने वाले हरप्रीत सिंह लालिया ने दावा किया कि उन्हें हथकड़ी और पैरों में जंजीरों बांधकर अपमानित करके भेजा गया. वहीं, लालिया ने गुरुवार को कहा कि उन्होंने कनाडा जाने की योजना बनाई थी लेकिन उनके एजेंट की गलती ने उनके सारे सपने चकनाचूर कर दिए.
कई कठिनाइयों का किया सामना
हरप्रीत सिंह लालिया ने कहा कि एजेंट की गलती की वजह से ही बैंकों और रिश्तेदारों से 50 लाख रुपये तक गंवाने पड़े. इसके अलावा उन्हें अमेरिका में एंट्री करने के लिए बहुत सी समस्याओं का सामना करना पड़ा और हर कदम पर कठिन परिस्थितियों का सामना करना पड़ा. श्री गुरु रामदास जी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर अमेरिकी सैनिक के विमान में करीब 104 भारतीय सवार थे. इसमें हरियाणा और गुजरात से 33-33, पंजाब से 30, महाराष्ट्र और उत्तर प्रदेश से 3-3 और चंडीगढ़ के दो लोग शामिल थे. वहीं, लालिया ने बताया कि मैं 5 दिसंबर, 2024 को कनाडा के वीजा पर नई दिल्ली से उड़ान भरी और अगले दिन में अबू धाबी से मेरी कनेक्टिंग फ्लाइट थी लेकिन मुझे उसमें चढ़ने की अनुमति नहीं दी गई जिसके बाद मैं दिल्ली लौटकर आ गया और करीब 8 दिनों तक मैं वही रहा.
कई देशों से होकर अमेरिका पहुंचा
लालिया ने बताया कि उन्हें मिस्त्र के काहिरा के लिए एक फ्लाइट में बैठाया गया जहां से मुझे स्पेन होते हुए कनाडा मॉन्ट्रियल जाना था. इसके बाद उन्हें स्पेन में 4 दिन रहना पड़ा और फिर ग्वाटेमाला में भेज दिया गया. इसी कड़ी में वह निकारागुआ पहुंच गया और उसके बाद होंडुरास, मैक्सिको फिर अमेरिकी सीमा पर भेज दिया गया. उन्होंने कहा कि इस दौरान मैंने 49.5 लाख रुपए खर्च कर दिए. उन्होंने बताया कि यह पैसा मैंने बैंकों से लोन लिया और उसमें कुछ पैसा अपने दोस्तों से भी उधारा मांगा था. मैं शुरुआत से ही कनाडा का वीजा लेकर वहां पर काम करना चाहता था. हालांकि मेरी एजेंटी की गलती की वजह से मैं वहां पर फंस गया और मुझे कई समस्याओं का सामना करना पड़ा.
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