12 February 2024
कतर की जेल में बंद 8 पूर्व भारतीय नौसैनिकों को आखिरकार रिहा कर दिया गया है। करीब साढ़े तीन महीने पहले इन नौसैनिकों को संदिग्ध जासूसी के एक मामले में मौत की सजा सुनाई गई थी। विदेश मंत्रालय ने एक बयान जारी करते हुए कहा कि रिहा किए गए 8 भारतीयों में से 7 भारत लौट आए हैं। विदेश मंत्रालय ने अपने देश के नागरिकों की रिहाई और उनकी घर वापसी के लिए कतर के अमीर के फैसले की सराहना की।
26 अक्टूबर को सुनाई थी सजा
आपको बता दें कि नौसेना के 8 पूर्व कर्मियों को 26 अक्टूबर को कतर की एक अदालत ने मौत की सजा सुनाई थी। ये सभी नौसैनिक जासूसी के आरोपों का सामना कर रहे थे। वहीं इससे पहले भारत के अनुरोध पर मौत की सजा को उम्रकैद में बदल दिया था।
जासूसी का था आरोप
जानकारी के मुताबिक एक प्राइवेट कंपनी अल दहरा के साथ काम करने वाले भारतीय नागरिकों को जासूसी के एक कथित मामले में अगस्त 2022 में
गिरफ्तार किया गया था। पिछले साल 25 मार्च को भारतीय नौसेना के आठ कर्मियों के खिलाफ आरोप दर्ज किए गए थे और उन पर कतर के कानून के तहत मुकदमा चलाया गया था। अदालत ने मौत की सजा को कम करने के बाद भारतीय नागरिकों को उनकी सजा के आदेश के खिलाफ अपील करने के लिए 60 दिन का समय दिया था। भारत और कतर के बीच 2015 में हुए समझौते के तहत उन नागरिकों को अपने-अपने देश में सजा काटने का प्रावधान है जिन्हें किसी अपराध के मामले में दोषी ठहराया गया है और सजा सुनाई गई है।
भारतीयों की रिहाई पर देश में खुशी
कतर की जेल से भारतीयों की रिहाई पर कांग्रेस ने खुशी जाहिर की है। कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने अपने ट्विटर हैंडल ‘एक्स’ पर पोस्ट किया और कहा कि सभी देशवासियों के साथ भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस भी खुद को इस खुशी में शामिल करती है। हम उन्हें और उनके परिवारजनों को बधाई और शुभकामनाएं देते हैं।