इंसान के शरीर से हर सेकंड लाखों केमिकल्स रिलीज होते हैं। ये केलिकल्स स्टीम के प्रेशर से हवा के संपर्क में आकर आसानी से हमारे शरीर से बाहर निकल जाते हैं। यहां इस बात का अर्थ है कि शरीर से रिलीज होते ही केमिकल उबल जाते हैं और रूम टेंपरेचर में आकर गैस में बदल जाते हैं। हमारे शरीर से रिलीज होने वाले केमिकल ये बताते हैं कि हम कितने हेल्दी हैं।
सबकी महक अलग
हम सभी जानते हैं कि हर इंसान के शरीर की महक अलग होती है। जहां आज के समय में किसी भी बीमारी के इलाज के लिए ब्लड टेस्ट पर भरोसा किया जाता है। वहीं प्राचीन यूनानी चिकित्सकों द्वारा किसी बीमारी के इलाज के लिए बॉडी स्मेल का उपयोग किया जाता था। यूनानी चिकित्सक मरीज की सांसों की महक से बता देते थे कि व्यक्ति किस बीमारी से जूझ रहा है।
सही थे प्राचीन चिकित्सक
वहीं, अगर किसी व्यक्ति के मुंह का स्वाद बहुत मीठा रहता है तो, यूनानी चिकित्सकों द्वारा डाइजेशन में शुगर का न टूटना होता है। इसका मतलब है वो व्यक्ति डायबिटीज का शिकार है। विज्ञान के अनुसार, प्राचीन यूनानी चिकित्सक सही थे। दरअसल, जो व्यक्ति हार्ट फेलियर, डायबिटीज, इंफेक्शन जैसी कई अन्य बीमारियों से जूझ रहे होते हैं उनकी सांसों से एक विशेष प्रकार की स्मेल आती है।
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