02 April, 2024
World Autism Awareness Day 2024: ऑटिज्म के बारे में लोगों को जागरूक बनाने के लिए दुनियाभर में हर साल 2 अप्रैल को वर्ल्ड ऑटिज्म अवेयरनेस डे (World Autism Awareness Day) मनाया जाता है. ऑटिज्म एक न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है, जो आमतौर पर 2-3 साल की उम्र से ही बच्चों को होने लगता है. इस डिसऑर्डर के बारे में लोगों को कम जानकारी होने के कारण ज्यादा से ज्यादा लोग इस बीमाार की चपेट में आ जाते हैं. इसके अलावा, कम जानकारी होने की वजह से ही यह बीमारी तेजी से बढ़ रही है.
क्या होता है ऑटिज्म?
क्लीवलैंड क्लीनिक के अनुसार, ऑटिज्म एक ऐसा न्यूरोलॉजिकल डिसऑर्डर है जो बच्चों के दिमाग में बदलाव होने की वजह से होता है, जिसे ऑटिज्म स्पेक्ट्रम डिसऑर्डर (Autism Spectrum Disorder) भी कहा जाता है. इस डिसऑर्डर की वजह से बच्चों का व्यवहार बदलने लगता है. इसके कारण बच्चों का बातचीत करने और सीखने का तरीका बिल्कुल बदल जाता है और यह एक ऐसा डिसऑर्डर है जो कभी बच्चों का पीछा नहीं छोड़ता. इस कारण बच्चों में कई बार चिड़चिड़ापन, बदलता बिहेवियर और बात ना मानने जैसी समस्याएं देखने को मिल सकती हैं. इसके साथ ही जिन बच्चों को यह डिसऑर्डर होता है उन्हें सोशल एक्टिविटीज और बातचीत करने में समस्या हो सकती है. वैसे तो ऑटिज्म का पता 2-3 साल की उम्र में लग जाता है, लेकिन कई बार इसका पता लगने में समय भी लग जाता है. इस बीमारी का पता लगाने के लिए डॉक्टर बच्चों का बिहेवियरल टेस्ट लेते हैं. वर्ल्ड हेल्थ ऑर्गेनाइजेशन के अनुसार, दुनियाभर में हर 100 बच्चे में से 1 बच्चे को ऑटिज्म होता है और डॉक्टरों का यह भी मानना है कि आज कल ऑटिज्म का खतरा बच्चों में ज्यादा देखने को मिल रहा है.
पीड़ित बच्चों को कैसे पहचाने?
इस डिसऑर्डर में बच्चों के सेंस ऑर्गन्स ज्यादा सेंसिटिव होते हैं. ज्यादा तेज आवाज से परेशान हो जाते हैं. लोगों की बातों को अनसुना करते हैं. फिजिकल टच पसंद नहीं करना जैसे लक्षण ऑटिज्म से जूझ रहे बच्चों की पहचान कराता है.
ऑटिज्म से बचने के उपाय
डॉक्टरों के अनुसार, इस डिसऑर्डर से बच्चों को बचाने के लिए अभिभावक स्पेशल एजुकेटर रख सकते हैं. ऑटिज्म का इलाज बच्चों के डॉक्टर, डेवलपमेंटल न्यूरोलॉजिस्ट, ऑक्युपेशनल थेरेपिस्ट और स्पीच थेरेपिस्ट जैसे डॉक्टर्स की टीम भी ऑटिज्म से बचने के लिए बच्चों की मदद कर सकती है. इसके साथ ही दवाएं आमतौर पर मात्र फोकस को बेहतर करने या हाइपरएक्टिविटी कम करने के लिए दी जाती है.
ऑटिज्म डे की शुरुआत कब हुई?
दरअसल, हर साल 2 अप्रैल को विश्व ऑटिज्म जागरूकता दिवस (World Autism Awareness Day 2024) मनाया जाता है. साल 2007 में संयुक्त राष्ट्र महासभा (United Nations General Assembly) ने इसका प्रस्ताव दिया था. इसके बाद 18 दिसंबर, 2007 को इसे अपनाया गया. चूंकि यह एक मेंटल डिसऑर्डर होता है, इसलिए डॉक्टरों के अनुसार इस डिसऑर्डर से जूझ रहे बच्चों को ज्यादा सपोर्ट की जरूरत होती है.
यह भी पढ़ें- MD Update 2024: इस बार देश के किन हिस्सों में पड़ेगी गर्मी और कहां होगी तेज बारिश, सामने आया IMD का अपडेट