Climate change : पिछले 3 दिन के दौरान ही उत्तर प्रदेश और बिहार में बिजली गिरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई. यह आंकड़ा सिर्फ यूपी-बिहार का है.
13 July, 2024
Climate change : देश-दुनिया में बिजली गिरने की घटनाओं में तेजी से इजाफा हो रहा है. पिछले 3 दिन के दौरान ही उत्तर प्रदेश और बिहार में बिजली गिरने से करीब 70 लोगों की मौत हो गई. यह आंकड़ा सिर्फ यूपी-बिहार का है. इस तरह के हादसे देश के विभिन्न हिस्सों में बारिश के दौरान हो रहे हैं. अब इस पर वैज्ञानिकों का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के कारण ही बिजली गिरने की घटनाएं लगातार बढ़ रही हैं और इसमें बड़ी संख्या में लोगों की जान जा रही है. दरअसल, जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ती गर्मी के कारण दुनिया भर में गरज के साथ बारिश हो रही है. इसके परिणामस्वरूप बिजली गिरने की घटनाएं बढ़ रही हैं.
UP-बिहार में बिजली गिरने से कई लोगों की मौत
गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में गुरुवार को बिजली गिरने से कम से कम 43 लोगों की मौत हो गई और शुक्रवार को बिहार में 21 लोगों की मौत हो गई. जान गंवाने वाले अधिकतर लोग या तो खेतों में धान की रोपाई कर रहे थे या फिर मवेशी चरा रहे थे. इस बीच बारिश से बचने के लिए पेड़ों के नीचे शरण ली और बिजली गिरने के चलते जान चली गई.
जलवायु परिवर्तन से बढ़ रही घटनाएं
केंद्रीय पृथ्वी विज्ञान मंत्रालय में पूर्व सचिव माधवन नायर राजीवन (Madhavan Nair Rajeevan, former Secretary in the Union Ministry of Earth Sciences) का कहना है कि जलवायु परिवर्तन के चलते संवहनीय या गरज के साथ बारिश वाले बादलों का निर्माण बढ़ रहा है. ग्लोबल वार्मिंग के कारण संवहनीय गतिविधि (Sustainable Activity) बढ़ जाती है. नतीजतन अधिक गरज के साथ बारिश होती है और फिर अधिक बिजली गिरती है. जाहिर है कि हादसे होंगे और लोगों की जान जाएगी.
बिजली गिरने की घटनाएं 40 प्रतिशत तक बढ़ीं
वैज्ञानिकों का यह भी दावा है कि जलवायु परिवर्तन के कारण भारत सहित हर जगह गरज के साथ बारिश में इजाफा हो रहा है. जलवायु परिवर्तन के कारण हवा की नमी धारण करने की क्षमता बढ़ रही है और ऐसे बादल अधिक बन रहे हैं. भारतीय उष्णकटिबंधीय मौसम विज्ञान संस्थान के अनुसार, 1995 से 2014 के बीच भारत में बिजली गिरने की घटनाओं में 30 से 40 प्रतिशत की वृद्धि हुई है.
उधर, राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) का डाटा कहता है कि देश में अपराध रिपोर्ट 2022 में कहा गया है कि प्राकृतिक शक्तियों के कारण हुई 8,060 मौतों में से 2,887 मौतें बिजली गिरने से हुईं. वहीं, भारतीय मौसम विज्ञान विभाग (Indian Meteorological) के आंकड़ों से पता चलता है कि 6 प्रतिशत जिले और 4 प्रतिशत आबादी बिजली गिरने के मामले में मध्यम से अत्यधिक संवेदनशील हैं. बिजली गिरने की घटनाओं के लिहाज से ओडिशा सबसे संवेदनशील राज्य है. आईएमडी के वरिष्ठ वैज्ञानिक डीएस पाई ने बताया कि सतह का तापमान जितना अधिक होगा, हवा उतनी ही हल्की होगी और यह उतनी ही ऊपर उठेगी. जलवायु परिवर्तन ऐसी घटनाओं को और अधिक बार होने वाला बना रहा है.
वरिष्ठ मौसम विज्ञानी ने कहा कि दामिनी मोबाइल एप्लिकेशन, सोशल मीडिया और रेडियो और टेलीविजन सहित सार्वजनिक प्लेटफार्मों के माध्यम से पर्याप्त चेतावनियां जारी की जा रही हैं. बावजूद इसके लोगों में जागरूकता पैदा करने के लिए अभी भी बहुत काम करना बाकी है.
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