Kiran Bedi Biopic: किरण बेदी का नाम किसी परिचय का मोहताज नहीं है. सब जानते हैं वो देश की पहली महिला IPS हैं. इस खिताब के साथ उनकी पहचान देश के निडर और ईमानदार पुलिस अधिकारियों में से एक की बनी. लेकिन ये वो कहानी है, जिसे सारी दुनिया जानती है. अब युवा फिल्म मेकर कुशाल चावला कोशिश कर रहे हैं, कि दुनिया किरण बेदी के बनने की कहानी जाने.
13 June, 2024
Kiran Bedi Biopic: भारत की पहली महिला IPS किरण बेदी की असली जिंदगी पर हाल ही फिल्ममेकर कुशाल चावला ने फिल्म बनाने का ऐलान किया है. इस फिल्म में किरण बेदी की जिंदगी के किन पहलुओं को उकेरा जाएगा, इसका बयान फिल्म का टाइटल ही कर देता है. फिल्म का नाम होगा-Bedi: The Name You Know, The Story You Don’t. इस फिल्म के राइटर और डायरेक्टर कुशाल चावला होंगे.
कुछ दिलचस्प पहलू
कुशाल के मुताबिक इस फिल्म में किरण बेदी की जिंदगी के उन हिस्सों को दिखाया जाएगा जिनसे लोग आज तक अंजान हैं. इसमें उनके बचपन से लेकर पढ़ाई-लिखाई, फैमिली, लव स्टोरी और देश की पहली महिला IPS बनने तक के सफर के दौरान उनके निजी अनुभवों और सच्ची घटनाओं को फिल्माया जाएगा. इसके अलावा उन्होंने पुलिस सेवा में रहकर क्या-क्या काम किए और कौन-कौन सी मिसाल कायम कीं, ये भी उनकी बायोपिक में दिखेगा. हालांकि, किरण बेदी पर बनने वाली बायोपिक को सिनेमाघरों में देखने के लिए फैन्स को थोड़ा इंतजार करना होगा, क्योंकि ये फिल्म अगले साल रिलीज होगी. लेकिन उससे पहले एक नजर डालते हैं किरण बेदी की जिंदगी के कुछ दिलचस्प पहलुओं पर.
बचपन से ही निडर थीं किरण
किरण बेदी हमेशा से ही बेखौफ रही हैं. बचपन में एक बार किसी ने उनकी बहन के साथ छेड़खानी कर दी थी, तब किरण ने बाजार में ही उस लड़के की धुलाई कर दी. इसके बाद से किरण ने खुद को मजबूत बनाने की ठान ली. छोटी उम्र में उन्होंने तय किया कि वो लोगों को दहेज के खिलाफ जागरूक करेंगी. इसके अलावा किरण बेदी ने लड़कियों को आत्मनिर्भर बनाने की हर मुमकिन कोशिश शुरू कर दी.
पूरे ट्रेनिंग सेंटर में अकेली महिला
किरण बेदी की जिंदगी में बड़ा मोड़ तब आया जब साल 1970 में वो आईपीएस बनीं. किरण बेदी ने पुलिस ट्रेनिंग नेशनल एकेडमी ऑफ एडमिनिस्ट्रेशन, मसूरी में पूरी की. उस वक्त ट्रेनिंग सेंटर में 80 पुरुष पुलिस ऑफिसर्स के बीच वो अकेली महिला थीं. ये वो दौर था जब ज्यादातर घरों की लड़कियों को पढ़ाया-लिखाया तक नहीं जाता था. लेकिन किरण बेदी ने IPS की कठिन परीक्षा पास कर ली थी. इस वजह से पुलिस ट्रेनिंग सेंटर में महिलाओं के लिए कोई अलग व्यवस्था नहीं थी. आप अंदाजा लगा सकते हैं कि कितना मुश्किल रहा होगा 80 आदमियों के बीच अकेली महिला का रहना. इसके बाद किरण की पहली पोस्टिंग 1975 में दिल्ली के चाणक्यपुरी में हुई.
क्यों रखती हैं छोटे बाल?
हमने हमेशा किरण बेदी को शॉर्ट हेयर में देखा है. ऐसा शुरू से ही था. वो ज्यादातर लड़कियों की तरह लम्बे बाल नहीं रखतीं. इसके पीछे भी दरअसल एक कारण है. स्कूल में पढ़ाई करने के साथ-साथ किरण टेनिस खेला करती थीं. इस खेल में वो एशियन चैंपियन तक बनीं. टेनिस खेलते वक्त उनके बाल बार-बार उनके चेहरे पर आते थे. इससे परेशान होकर एक दिन किरण बेदी नाई की दुकान पर गईं और लड़कों जैसे बाल कटवा लिए. इसके बाद उन्होंने अपने बाल कभी नहीं बढ़ाए.
क्रेन बेदी पड़ा नाम
साल 1982 में किरण बेदी की पोस्टिंग दिल्ली में उपायुक्त ट्रैफिक के तौर पर हुई. इस दौरान जब भी उन्हें कोई वाहन नो-पार्किंग जोन में खड़ा मिलता तो वो उसे क्रेन से उठवा लेती थीं. उन्हें इस बात से कोई फर्क नहीं पड़ता था कि गाड़ी किसकी है. यही वजह है कि लोग उन्हें ‘क्रेन बेदी’ के नाम से भी बुलाने लगे थे.
तिहाड़ जेल बना जिंदगी का अहम हिस्सा
भारत की सबसे बड़ी जेल का माहौल किरण बेदी ने ही बदला था. तिहाड़ जेल में उनकी तैनाती IG के रूप में हुई, वहां किरण ने ‘विपश्यना सेंटर’ शुरू किया. इसकी वजह से तिहाड़ के कैदियों में बड़ा बदलाव हुआ. 1994 तक तिहाड़ जेल के 60 से ज्यादा कैदियों को कई बड़ी कंपनियों में काम मिला. इन सुधारों के लिए किरण बेदी को रेमन मैग्सेसे अवॉर्ड से नवाजा गया था.
किरण बेदी की लव स्टोरी
अपने पति बृज बेदी से किरण की मुलाकात अमृतसर के टेनिस कोर्ट में हुई थी. 9 साल बड़े बृज से किरण ने साल 1972 में मंदिर में शादी की थी. दोनों की एक बेटी हैं, जिसका नाम सुकृति है. किरण बेदी इस बात को खुद स्वीकार करती हैं कि उन्होंने बहुत सोच समझकर बृज से शादी की. वो अपनी कामयाबी का श्रेय अपने ससुराल वालों को भी देती हैं. हालांकि, शादी के कुछ साल बाद ही किरण और बृज अलग-अलग रहने लगे थे.
ऐसी थी शादी की अगली सुबह
ज्यादातर लड़कियां जहां शादी के बाद अपने ससुराल की ही होकर रह जाती हैं. वहीं, किरण बेदी अपनी शादी की अगली सुबह अपनी बहन को स्कूल छोड़ने पहुंच गई थीं. उनका मानना है कि वो उनकी ड्यूटी थी जो उन्हें निभानी थी. किरण ने अपने एक इंटरव्यू में बताया कि मेरी बहन को लगा था कि ‘अब दीदी की शादी हो गई है वो नहीं आएंगी. मगर मैं सुबह 7 बजे अपनी स्कूटी लेकर घर के दरवाजे पर खड़ी थी’.