MT Vasudevan Nair Died: मलयालम साहित्य के दिग्गज फिल्म निर्देशक और पटकथा लेखक एमटी वासुदेवन नायर का 93 वर्ष की उम्र में निधन हो गया है.
MT Vasudevan Nair Died: मशहूर मलयालम लेखक और ज्ञानपीठ पुरस्कार विजेता एमटी वासुदेवन नायर का 93 साल की उम्र में निधन हो गया. मलयालम के इमोशनल गानों के बादशाह एमटी वासुदेवन का कोझिकोड में निधन हो गया. वह पिछले 11 दिनों से अस्पताल में भर्ती थे. दिल का दौरा पड़ने के बाद से उन्हें तुरंत अस्पताल में भर्ती कराया गया था. एमटी के नाम से प्रसिद्ध वासुदेवन नायर मलयालम साहित्य के बहुमुखी लेखक थे और आजादी के बाद के भारतीय साहित्यकारों में अपनी खास पहचान रखते थे.
केरल सरकार ने की शोक की घोषणा
केरल सरकार ने मलयालम लेखक एमटी वासुदेवन नायर के निधन पर 26 और 27 दिसंबर को आधिकारिक शोक का एलान किया है. एमटी वासुदेवन ने अपने कई उपन्यासों में केरल में सामंतवाद और उससे पैदा होने वाले दर्द को बखूबी से बयां किया है. उनके अधिकतर कहानियां मलयाली पारिवार और संस्कृति के बारे में विस्तार से बताती हैं. एमटी वासुदेवन न केवल कलम से मकबूल थे बल्कि फिल्मों की दुनिया में अच्छा दखल रखते थे. उन्होंने सात फिल्मों का निर्देशन और लगभग 54 की पटकथा लिखी.
राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता
एमटी वासुदेवन ने साल 1989 में ओरु वडक्कन वीरगाथा, साल 1991 में कदवु, साल 1992 में सदायम और साल 1994 में चार बार सर्वश्रेष्ठ पटकथा का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार जीता. मलयालम साहित्य में उनके योगदान के लिए उन्हें 1995 में ज्ञानपीठ से सम्मानित किया गया था. भारत सरकार ने उन्हें साल 2005 में तीसरे सर्वोच्च नागरिक सम्मान पद्म भूषण से सम्मानित किया था. उन्होंने केरल साहित्य अकादमी के अध्यक्ष और टुंचन मेमोरियल ट्रस्ट के अध्यक्ष सहित अलग-अलग साहित्यिक निकायों में कई महत्वपूर्ण पदों पर रहे.
कहां जन्मे थे एमटी वासुदेवन?
लेखक और निर्देशक एमटी वासुदेवन नायर का जन्म जुलाई 1933 में पलक्कड़ के पास कूडलूर में हुआ था. उन्होंने अपनी स्कूली शिक्षा मलमलकव एलपी स्कूल और कुमारनल्लूर हाई स्कूल से प्राप्त की और फिर विक्टोरिया कॉलेज से रसायन विज्ञान में बीएससी की पढ़ाई की. स्नातक करने के बाद वे शिक्षक बन गए.
वायनाड सांसद ने शोक पर जताया दुख
वायनाड सांसद प्रियंका गांधी ने एमटी वासुदेवन के निधन पर शोक जाताया है. उन्होंने सोशल मीडिया एक्स पर एक पोस्ट शेयर किया है. उस पोस्ट में उन्होंने लिखा कि श्री एमटी वासुदेवन नायर के निधन के साथ, हम उस प्रतिभा को अलविदा कह रहे हैं जिसने साहित्य और सिनेमा को सांस्कृतिक अभिव्यक्ति के शक्तिशाली माध्यमों में बदल दिया. उन्होंने आगे लिखा कि हमारी कला और साहित्य के एक सच्चे संरक्षक, उनकी क्षति को पूरा देश गहराई से महसूस कर रहा है. हम उनके परिवार, दोस्तों और प्रशंसकों के प्रति हार्दिक संवेदना व्यक्त करते हैं. उनकी विरासत उनके द्वारा बताई गई हर कहानी और उनके द्वारा छूए गए हर दिल में जीवित रहेगी.
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