Gulshan Bawra Death Anniversary: गुलशन ने अपने खूबसूरत गानों से करोड़ों लोगों का दिल बहलाया. उन्होंने ‘उपकार’, ‘जंजीर’ और ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसी मशहूर फिल्मों के लिए गाने लिखे.
07 August, 2024
Gulshan Bawra Death Anniversary: ‘सट्टा बाजार’ फिल्म साल 1959 में रिलीज हुई थी. इसके गीत गुलशन बावरा ने ही लिखे थे. गाने हिट हुए और फिल्म इंडस्ट्री में गुलशन की गाड़ी चल पड़ी, मगर उन्हें और कामयाब होना था. इसी कड़ी में गुलशन की मुलाकात मशहूर एक्टर मनोज कुमार से हुई. वह भी दिल्ली के ही रहने वाले थे. मनोज कुमार ने गुलशन के गाने सुने जो उन्हें बहुत पसंद आए. इसके बाद मनोज ने गुलशन को अपनी फिल्म ‘उपकार’ के लिए गीत लिखने का ऑफर दे दिया. गुलशन ने भी मनोज कुमार को निराश नहीं किया, बल्कि मनोज कुमार की उम्मीद से बेहतर गीत लिखे. ‘उपकार’ के सारे गाने हिट हुए, लेकिन ‘मेरे देश की धरती सोना उगले…’ इतना ज्यादा हिट हुआ कि इसने गुलशन बावरा को पूरी इंडस्ट्री में मशहूर कर दिया. कहा तो यह भी जाता है कि राज कपूर इस गीत को अपनी फिल्म ‘जिस देश में गंगा बहती है’ में लेना चाहते थे, लेकिन इससे पहले शैलेंद्र ‘होठों पर सच्चाई रहती है…’ लिख चुके थे.
बहन के साथ पहुंचे दिल्ली
देश के बंटवारे के वक्त हुए दंगों में गुलशन के माता-पिता का निधन हो गया था. किसी तरह गुलशन ने अपनी और छोटी बहन की जान बचाई और दोनों दिल्ली आ गए. बचपन से ही गुलशन को लिखना पसंद था. 6 साल की उम्र में उन्होंने कविताएं लिखनी शुरू कर दी थीं. हालांकि, बंटवारे के वक्त जो दर्द उन्होंने देखा-झेला उससे वह टूट गए और इस टूटने-बिखरने और फिर निर्मित होने के दौरान जो कुछ घटा वह गीतों-कविताओं में ढालने लगे. उन्होंंने दिल्ली विश्वविद्यालय से स्नातक की पढ़ाई की. स्कूल के बाद कॉलेज में भी गुलशन का कविताएं लिखने का दौर जारी रहा. गीतकार बनने की ख्वाहिश उनके मन में कॉलेज के दिनों से ही थी. पढ़ाई के बाद उन्होंने रेलवे में लिपिक की नौकरी की, मगर गुलशन का मन तो गीत और शायरी में रम चुका था.
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दो बार मिला फिल्मफेयर अवार्ड
गुलशन ने अपने गीतों से न केवल करोड़ों लोगों को दिल बहलाया. उन्होंने अपने करियर में ‘उपकार’, ‘जंजीर’, ‘पवित्र पापी’, ‘सत्ते पे सत्ता’ जैसी कई बेहतरीन फिल्मों के गीत लिखे हैं. गुलशन को ‘उपकार’ और ‘जंजीर’ के गानों के लिए फिल्मफेयर अवॉर्ड से भी सम्मानित किया गया.
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