Pankaj Tripathi Birthday: बॉलीवुड एक्टर पंकज त्रिपाठी आज अपना 48वां जन्मदिन मना रहे हैं. इस मौके पर एक नजर डालते हैं पंकज के अब तक के सफर पर.
05 September, 2024
Pankaj Tripathi Birthday: हिंदी सिनेमा के सबसे बेहतरीन एक्टर्स में पंकज त्रिपाठी का नाम जरूर लिया जाता है. उन्होंने अपने अनोखे अंदाज से करोड़ों फैन्स का दिल जीता है. अपनी शानदार एक्टिंग के लिए पंकज को नेशनल अवॉर्ड्स से लेकर फिल्मफेयर अवॉर्ड तक से नवाजा जा चुका है. साल 2006 में विशाल भारद्वाज के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘ओमकारा’ में एक मामूली से रोल से लेकर पंकज त्रिपाठी ने ‘स्त्री 2’ तक का सफर तय किया. हालांकि, एक छोटे शहर से निकलकर हिंदी फिल्म इंडस्ट्री में अपना इतना बड़ा नाम करना पंकज के लिए आसान नहीं था. ऐसे में आज पंकज त्रिपाठी के 48वें जन्मदिन पर उनकी जिंदगी के कुछ पहलुओं पर नजर डालते हैं.
खेती करते थे पंकज
पंकज का जन्म 5 सितंबर 1975 को बिहार के बेलसंड गांव में बनारस तिवारी और हेमवंती तिवारी के घर हुआ था. उनके पिता बनारस एक किसान और पुजारी के रूप में काम करते थे. पंकज 4 भाई-बहनों में सबसे छोटे हैं. वैसे पंकज का असली सरनेम तिवारी हैं मगर 9वीं क्लास में उन्होंने इसे कानूनी तौर पर बदलकर त्रिपाठी कर लिया. जरूरत के हिसाब से पंकज त्रिपाठी पिता के साथ खेतों में काम किया करते थे और त्योहारों में गांव के नाटक में लड़की का रोल भी निभाया करते थे. यहीं से उनका एक्टिंग के लिए प्यार शुरू हो गया था. हाई स्कूल के बाद मैनेजमेंट की पढ़ाई के लिए वह पटना चले गए और 7 साल वहां रहे, लेकिन उनकी जिंदगी में बड़ा मोड़ तब आया जब वह नेशनल स्कूल ऑफ ड्रामा में एडमिशन लेने के लिए दिल्ली चले आए.
कन्नड़ फिल्म से की शुरूआत
दिल्ली में ग्रेजुएशन करने के बाद पंकज त्रिपाठी को 2003 में कन्नड़ फिल्म ‘चिगुरिदा’ कनासु में एक छोटा सा रोल मिला जिसे किसी ने नोटिस नहीं किया. इसके अगले साल वह मुंबई चले आए. सबसे पहले उन्हें Tata Tea के एड में एक नेता का किरदार निभाने का मौका मिला. यहां से पंकज त्रिपाठी की गाड़ी पटरी पर उतरनी शुरू हो गई. इसके बाद उन्होंने ‘रन’, ‘ओमकारा’, ‘रावण’, ‘अग्निपथ’ जैसी फिल्मों में छोटे-छोटे रोल किए, लेकिन अभी तक उन्हें फिल्म इंडस्ट्री में खास पहचान नहीं मिली थी. फिर आया साल 2012 जब अनुराग कश्यप की फिल्म ‘गैंग्स ऑफ वासेपुर’ रिलीज हुई. इस फिल्म में ‘सुल्तान कुरैशी’ का किरदार निभाकर पंकज त्रिपाठी लोगों के साथ-साथ फिल्म मेकर्स की नजरों में भी आ गए. फिर उन्हें ‘फुकरे’, ‘मसान’, ‘निल बटे सन्नाटा’, ‘न्यूटन’, ‘बरेली की बर्फी’, ‘स्त्री’, ‘मिर्जापुर’, ‘जस्टिस’, ‘कागज’ जैसी बेहतरीन फिल्मों और सीरीज में देखा गया.