Soumya Vishwanathan Murder Case : दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसयूवी राजू ने सूचित किया कि शीर्ष अदालत ने पहले ही नोटिस जारी कर दिया, इसलिए आग्रह है कि इससे जुड़ी सभी याचिकाओं को टैग कर दिया जाए.
08 July, 2024
Soumya Vishwanathan Murder Case : सुप्रीम कोर्ट (Supreme Court) में दिल्ली पुलिस की तरफ से दायर याचिका पर विचार करने की सहमति व्यक्त की है. टीवी जर्नलिस्ट सौम्या विश्वनाथन (TV journalist Soumya Vishwanathan) की हत्या मामले में 4 दोषियों को जमानत देने के बाद हाई कोर्ट ने आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. उस आदेश को अब दिल्ली पुलिस ने SC में चुनौती दी है. न्यायमू्र्ति बेला एम त्रिवेदी और न्यायमूर्ति सतीश चंद्र शर्मा की पीठ ने दोषियों को नोटिस भेजकर जवाब मांगा है. वहीं, शीर्ष अदालत ने दोषियों को दी गई जमानत के खिलाफ सौम्या की मां की लंबित याचिका के साथ जोड़ दिया है.
चार लोगों की दोषसिद्धि को कोर्ट ने किया सस्पेंड
दिल्ली पुलिस की ओर से पेश अतिरिक्त सॉलिसीटर जनरल एसयूवी राजू ने सूचित किया कि शीर्ष अदालत ने पहले ही नोटिस जारी कर दिया है, इसलिए आग्रह है कि इससे जुड़ी सभी याचिकाओं को टैग कर दिया जाए. हाई कोर्ट ने 12 फरवरी को रवि कपूर, बलजीत सिंह मलिक, अमित शुक्ला और अजय कुमार की सजा को दोषसिद्धि सस्पेंड कर दिया और उन्हें जमानत दे दी. हाई कोर्ट ने इस बात पर विचार किया था कि दोषी 14 साल तक जेल में सजा काट चुके हैं.
कोर्ट ने जारी किया नोटिस
22 अप्रैल को सर्वोच्च न्यायालय में सौम्या विश्वनाथम की मां ने चारों दोषियों को दी गई जमानत के खिलाफ याचिका दायर की थी, जिस पर कोर्ट ने भी सहमति जताई. इसके बाद SC ने माधवी विश्वनाथन की याचिका पर दिल्ली पुलिस और चारों दोषियों को नोटिस जारी किया था. इंग्लिश न्यूज चैनल में काम करने वाली सौम्या विश्वनाथन की 30 सितंबर 2008 को साउथ दिल्ली के नेल्सन मंडले मार्ग पर गोली मारकर हत्या कर गई थी. उस दौरान पत्रकार अपनी कार से घर की ओर लौट रही थी.
5वें दोषी को कोर्ट ने दी थी 3 साल की सजा
स्पेशल कोर्ट ने पिछले साल 25 नवंबर को कपूर, शुक्ला, मलिक और कुमार को आईपीसी की धारा 302 (हत्या) और महाराष्ट्र संगठित अपराध नियंत्रण अधिनियम (मकोका) की धारा 3(1) (संगठित अपराध करना जिससे किसी व्यक्ति की मृत्यु हो जाए) के तहत आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी. कोर्ट ने स्पष्ट कर दिया था कि सजाएं लगातार चलती रहेंगी. 5वें दोषी अजय सेठी को आईपीसी की धारा 411 (बेईमानी से चोरी की संपत्ति प्राप्त करना) के तहत 3 साल की सजा सुनाई थी.
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