23 दिसंबर 2023
कांग्रेस सांसद कार्ति चिदंबरम 2011 में कुछ चीनी नागरिकों को वीजा जारी करने से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के मामले में प्रवर्तन निदेशालय यानी ईडी के सामने पेश हुए। ये मामला सीबीआई की शिकायत पर आधारित है। एजेंसी कार्ति चिदंबरम की पीएमएलए के प्रावधानों के तहत बयान दर्ज करेगी।
क्या है मामला ?
सीबीआई की ओर से इस मामले में दर्ज एफआईआर के मुताबिक ईडी का मामला वेदांत समूह की कंपनी तलवंडी साबो पावर लिमिटेड यानी टीएसपीएल के एक शीर्ष कार्यकारी की ओर से कार्ति चिदंबरम और उनके करीबी सहयोगी एस भास्कर रमण को रिश्वत के रूप में 50 लाख रुपये का भुगतान करने के आरोपों से संबंधित है। टीएसपीएल पंजाब में एक बिजली संयंत्र स्थापित करने की योजना बना रही थी।
कार्ति चिदंबरम ने पहले क्यों मांगा समय ?
कार्ति ने पहले कहा था कि ईडी की जांच ऐसे सवालों पर आधारित थी, जिनका इस मामले से कोई लेना-देना नहीं है और पहले उन्होंने जांच एजेंसी को दस्तावेज सौंपे थे। कार्ति ने दस्तावेज एकत्र करने के लिए और समय मांगा था क्योंकि वह 12 और 16 दिसंबर को ईडी के समक्ष पेश नहीं हो सके थे। कार्ति तमिलनाडु की शिवगंगा लोकसभा सीट से सांसद हैं और पूर्व केंद्रीय मंत्री पी चिदंबरम के बेटे हैं।
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