10 February 2024
नॉर्थ अमेरिका में वर्कप्लेस पर बुलिंग, हरासमेंट और सेक्सुअल अब्यूज की घटनाएं आए दिन बढ़ रही हैं। ये कर्मचारियों और कंपनियों दोनों के लिए बहुत नुकसान की बात है। दरअसल, समय के साथ-साथ वहां के वर्कप्लेस पर बुलिंग की घटनाएं इतनी बढ़ गई हैं कि करीब 30 प्रतिशत वर्कर्स के काम पर असर पड़ रहा है। आज हम वर्कप्लेस पर हो रही इन घटनाओं पर बात करेंगें और वर्कप्लेस पर हो रहे मिसबिहेव के साइड इफेक्ट के बारे में बताएंगे।
बुलिंग को कैसे पहचानें
अगर कोई आपको वर्कप्लेस पर अपना काम निकलवाने के लिए धमकाएं या अपमान करें या बदनाम करने की कोशिश करें, इसके अलावा मानसिक तौर पर पीड़ित या सेक्सुअल अब्यूज फिजिकल एग्रेशन की कोशिश करता है तो ये शोषण का एक रूप है। जब कोई आपसे काम निकलवाने के लिए चालाकी और उकसाता है तो वो भी बुलिंग कहलाती है। आज के समय में साइबरबुलिंग वर्कप्लेस शोषण के एक नए रूप में उभरकर सामने आ रहा है। रिसर्च के मुताबिक, वर्कप्लेस पर हो रही ये बुलिंग कर्मचारियों की हेल्थ, सुरक्षा पर बुरा असर डालती है।
बुलिंग से बचने का तरीका
अगर कोई आपको शॉपिंग के दौरान आपको धक्का देने या शारीरिक नुकसान पहुंचाता है या धमकी देता है, तो ऐसे में पुलिस इंटरफेयर कर कर सकती है। हालांकि वर्कप्लेस पर बुलिंग, हमला, मारपीट या यौन शोषण से जुड़ी घटनाओं की आंतरिक जांच की जाती है। रिसर्च के मुताबिक, जिन लोगों को वर्कप्लेस पर टारगेट किया जा रहा है उनकी सुरक्षा के लिए बुलिंग को रोजगार कानून बनाने के बजाय पब्लिक हेल्थ का मुद्दा मानना जरूरी है। जो व्यक्ति वर्कप्लेस पर बुलिंग करता है उसको भारी नुकसान भुगतना पड़ता है।
बुलिंग का हेल्थ पर प्रभाव
जो लोग वर्कप्लेस पर बुलिंग का शिकार होते हैं उन लोगों की मेंटल हेल्थ खराब होने लगती है जिसके कारण वो जीवन में तनाव और उदासी से भर जाते हैं। कई मामलों में तो ऐसे लोग आत्महत्या तक कर लेते हैं। वहीं, बुलिंग शारीरिक सेहत को भी बेहद प्रभावित करती है। इसमें हार्ट रोग, बॉडी पेन, भूख न लगना, सिरदर्द और नींद न आने की समस्या शामिल हैं। इस तरह के शोषण के शिकार लोगों को काम पर फोकस करने में बहुत दिक्कतों का सामना करना पड़ता है। साथ ही इसका असर पीड़ित के निजी जीवन पर भी पड़ता है जिससे फैमिली और दोस्तों के साथ रिश्ते खराब हो सकते हैं।