Share Market : विदेशी संस्थागत निवेशकों (FDI) की पूंजी निकासी और अमेरिका में महंगाई अनुमान से ज्यादा बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा.
Share Market : ईरान-इजराइल के बीच युद्ध जैसे हालत पैदा होने से शेयर मार्केट में भारी हंगामा मच गया है. सेंसेक्स और निफ्टी खुलते ही धड़ाम नीचे गिर गया है. स्थानीय शेयर बाजारों में सोमवार को लगातार दूसरे कारोबारी सत्र में गिरावट जारी रही और बीएसई सेंसेक्स 845 अंक लुढ़क गया. पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और ग्लोबल बाजारों के कमजोर रुख से निवेशकों की धारणा पर असर पड़ा. तीस शेयरों पर आधारित बीएसई सेंसेक्स 845.12 अंक यानी 1.14 फीसदी की गिरावट के साथ दो सप्ताह के निचले स्तर 73,399.78 अंक पर बंद हुआ. कारोबार के दौरान एक समय ये 929.74 अंक तक लुढ़क गया था.
अमेरिका में महंगाई से शेयर बाजार में हुआ नुकसान
नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 246.90 अंक यानी 1.10 प्रतिशत की गिरावट के साथ 22,272.50 अंक पर बंद हुआ. इससे पहले शुक्रवार को सेंसेक्स 793.25 अंक और निफ्टी 234.40 अंक के नुकसान में रहा था. कुल मिलाकर दो कारोबारी सत्रों में सेंसेक्स 1,638 अंक यानी 2.19 प्रतिशत और निफ्टी 481 अंक यानी 2.13 प्रतिशत टूटा है.वहीं विश्लेषकों के अनुसार, विदेशी संस्थागत निवेशकों (FDI) की पूंजी निकासी और अमेरिका में महंगाई अनुमान से ज्यादा बढ़ने से बाजार नुकसान में रहा. इसके अलावा पश्चिम एशिया में तनाव बढ़ने और भारत-मॉरीशस टैक्स संधि में प्रस्तावित बदलाव से भी बाजार पर नकारात्मक प्रभाव पड़ा है.
इन कंपनियों के टूटे शेयर
सेंसेक्स और निफ्टी टूटने से विप्रो, आईसीआईसीआई बैंक, बजाज फिनसर्व, बजाज फाइनेंस, टाटा मोटर्स, लार्सन एंड टुब्रो, टेक महिंद्रा और एचडीएफसी बैंक प्रमुख रूप से नुकसान में रहे. दूसरी ओर नेस्ले, मारुति और भारती एयरटेल के शेयर लाभ में रहे. एशिया के अन्य बाजारों में जापान का निक्की, दक्षिण कोरिया का कॉस्पी और हॉन्गकॉन्ग का हैंगसेंग नुकसान में जबकि चीन का शंघाई कम्पोजिट इंडेक्स लाभ में रहा.
खाद्य पदार्थों के दामों में हुई वृद्धि
यूरोप के प्रमुख बाजारों में शुरुआती कारोबार में मिला-जुला रुख रहा. अमेरिकी बाजार वॉल स्ट्रीट शुक्रवार को नुकसान में रहा था. वैश्विक तेल मानक ब्रेंट क्रूड 1.04 प्रतिशत फिसलकर 89.51 डॉलर प्रति बैरल पर आ गया. विदेशी संस्थागत निवेशकों ने शुक्रवार को 8,027 करोड़ रुपये मूल्य के शेयर बेचे. सोमवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, देश में सब्जियों, आलू, प्याज और कच्चे तेल की कीमतों में बढ़ोतरी के कारण थोक महंगाई मार्च में मामूली रूप से बढ़कर 0.53 प्रतिशत हो गई, जो फरवरी में 0.20 फीसदी थी. शुक्रवार को जारी आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, खुदरा महंगाई मार्च महीने में घटकर 4.85 प्रतिशत रही जो पांच महीने का निचला स्तर है.
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