ITR Filing : 76 फीसदी आयकर उन लोगों से प्राप्त होता है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है. साथ ही 50 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले ITR दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है.
13 November, 2024
ITR Filing : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी की नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के 10 साल के कार्यकाल में सालाना 20 लाख रुपये से कम आय वाले व्यक्तियों पर टैक्स का बोझ काफी कम हुआ है. इसके अलावा 50 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले लोगों द्वारा चुकाए जाने वाले टैक्सों में काफी बढ़ोतरी हुई है. आयकर रिटर्न (ITR) के आंकड़ों के अनुसार, 50 लाख रुपये से अधिक आय दिखाने वाले लोगों की संख्या साल 2023-24 में 9.39 लाख से अधिक थी जो 2013-14 में 1.85 लाख से पांच गुना अधिक है. साथ ही 50 लाख रुपये से अधिक आय वालों की आयकर देनदारी 2014 में 2.52 लाख करोड़ रुपये से 3.2 गुना बढ़कर 2024 में 9.62 लाख करोड़ रुपये हो गई है.
सबसे ज्यादा इन लोगों से प्राप्त होता है आयकर
एक सूत्रों से मिली जानकारी के अनुसार, 76 फीसदी आयकर उन लोगों से प्राप्त होता है जिनकी सालाना आय 50 लाख रुपये से अधिक है. साथ ही 50 लाख से अधिक वार्षिक आय वाले ITR दाखिल करने वालों की संख्या में बढ़ोतरी हुई है. यह मोदी सरकार द्वारा लागू किए गए मजबूत कर चोरी और काले धन विरोधी कानूनों की वजह से है. सूत्रों ने कहा कि 2014 में 2 लाख रुपये से अधिक की वार्षिक आय वाले व्यक्तियों को टैक्स देना पड़ता था. लेकिन मोदी सरकारों में दी गई छूट से यह आंकड़ा सात लाख के पार पहुंच गया और इससे कम आय वाले लोगों को अब कोई टैक्स नहीं भरना पड़ता है.
तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए चाहिए टैक्स
वहीं, 10 लाख रुपये वार्षिक आय वाले टैक्सपेयरों से इनकम टैक्स कलेक्शन का प्रतिशत साल 2014 में चुकाए गए कुल टैक्स का 10.17 प्रतिशत से घटकर 2024 में 6.22 फीसदी रह गया है. सोर्स के मुताबिक, 2.5 से 7 लाख रुपये तक की आय वालों की आयकर देनदारी 2023-24 में औसतन 43000 रुपये होगी, जो कि उनकी आया 4-5 प्रतिशत है. यह तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्था के लिए सबसे कम है.
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