जानिए ओणम के 10 दिनों का महत्व
पहले दिन लोग जल्दी उठकर पूजा करते हैं और नाश्ते में केले के पापड़ खाते हैं.
पहला दिन (अथम)
महिलाएं इस दिन पुष्प कालीन में नए फूल लगाती हैं.
दूसरा दिन (चिथिरा)
तीसरे दिन ओणम पर्व के लिए बाजार से खरीदारी की जाती है.
तीसरा दिन (विसाकम)
चौथे दिन फूलों से बने कालीन क प्रतियोगिता आयोजित होती है.
चौथा दिन (विसाकम)
पांचवें दिन नौका दौड़ प्रतियोगिता आयोजित होती है.
पांचवां दिन (अनिजाम)
छठे दिन सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है.
छठा दिन (थिक्रेता)
ओणम के सातवे दिन घरमें टेस्टी डिशेज बनाई जाती हैं.
सातवां दिन (मूलम)
आठवे दिन मिट्टी से पिरामिड शेप की मूर्तियां बनती हैं, जो मां को दर्शाती हैं.
आठवां दिन (पूरादम)
ओणम के आठवे दिन राजा महाबलि के लिए घरों को सजाया जाता है.
नौवां दिन (उथिरादम)
उत्सव के 10वें दिन पुष्प कालीन बनाए जाते हैं.
दसवां दिन (थिरुवोणम)