'तुम्हारी आंखों की तौहीन है जरा सोचो...' पढ़ें मुनव्वर राना के जबरदस्त शेर.
अब जुदाई के सफर को मिरे आसान करो, तुम मुझे ख्वाब में आ कर न परेशान करो.
चलती फिरती हुई आंखों से अजां देखी है, मैं ने जन्नत तो नहीं देखी है मां देखी है.
तुम्हारी आंखों की तौहीन है जरा सोचो, तुम्हारा चाहने वाला शराब पीता है.
सो जाते हैं फुटपाथ पे अखबार बिछा कर, मजदूर कभी नींद की गोली नहीं खाते.
क आंसू भी हुकूमत के लिए खतरा है, तुम ने देखा नहीं आंखों का समुंदर होना.