'खुशबू जैसे लोग मिले अफ्साने में...' पढ़ें गुलजार के मशूहर शेर जो दिल छू लेंगे.

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते, वक्त की शाख से लम्हें नहीं तोड़ा करते.

वक्त की शाख

तुम्हारे ख्वाब से हर शब लिपट के सोते हैं, सजाएं भेज दो हम ने खताएं भेजी हैं.

तुम्हारे ख्वाब

 खुशबू जैसे लोग मिले अफ्साने में, एक पुराना खत खोला अनजाने में.

एक पुराना खत

 दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है, किस की आहट सुनता हूं वीराने में.

कौन आ निकला

एक ही ख्वाब ने सारी रात जगाया है, मैं ने हर करवट सोने की कोशिश की.

सारी रात

अपने माजी की जुस्तुजू में बहार, पीले पत्ते तलाश करती है.

जुस्तुजू में बहार