'आह जो दिल से निकाली जाएगी...' पढ़ें अकबर इलाहाबादी के बेहतरीन शेर.

लोग कहते हैं बदलता है जमाना सब को, मर्द वो हैं जो जमाने को बदल देते हैं.

बदलता है जमाना

हंगामा है क्यूं बरपा थोड़ी सी जो पी ली है, डाका तो नहीं मारा चोरी तो नहीं की है.

हंगामा है

बस जान गया मैं तिरी पहचान यही है, तू दिल में तो आता है समझ में नहीं आता.

तिरी पहचान

आह जो दिल से निकाली जाएगी, क्या समझते हो कि खाली जाएगी.

समझते हो कि

मोहब्बत का तुम से असर क्या कहूं, नजर मिल गई दिल धड़कने लगा.

दिल धड़कने

ये दिलबरी ये नाज ये अंदाज ये जमाल, इंसां करे अगर न तिरी चाह क्या करे.

नाज ये अंदाज