'इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें', पढ़ें बहादुर शाह जफर के मशहूर शेर.

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें, हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया.

तुम्हारी याद

इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें, इतनी जगह कहां है दिल-ए-दाग-दार में.

हसरतों से कह दो

कितना है बद-नसीब 'जफर' दफ़्न के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में.

दो गज जमीन

बात करनी मुझे मुश्किल कभी ऐसी तो न थी, जैसी अब है तिरी महफिल कभी ऐसी तो न थी.

तिरी महफिल

न दूंगा दिल उसे मैं ये हमेशा कहता था, वो आज ले ही गया और जफर से कुछ न हुआ.

न दूंगा दिल

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में,   किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में.

मिरा उजड़े दयार