पढ़ें बहादुर शाह जफर के मशहूर शेर.

तुम ने किया न याद कभी भूल कर हमें, हम ने तुम्हारी याद में सब कुछ भुला दिया.

तुम्हारी याद

 इन हसरतों से कह दो कहीं और जा बसें, इतनी जगह कहां है दिल-ए-दाग-दार में.

दिल-ए-दाग

कितना है बद-नसीब 'जफर' दफ्न के लिए, दो गज जमीन भी न मिली कू-ए-यार में.

दो गज जमीन

लगता नहीं है दिल मिरा उजड़े दयार में, किस की बनी है आलम-ए-ना-पाएदार में.

दिल मिरा उजड़े

 बुलबुल को बागबां से न सय्याद से गिला, किस्मत में कैद लिक्खी थी फस्ल-ए-बहार में. 

बुलबुल को बागबां

खुदा के वास्ते जाहिद उठा पर्दा न काबे का, कहीं ऐसा न हो यां भी वही काफिर-सनम निकले.

खुदा के वास्ते