Transgender Identity: केंद्र की मोदी सरकार ने पैन कार्ड एप्लीकेशन के लिए ‘ट्रांसजेंडर पर्सन्स एक्ट 2019’ के तहत जारी पहचान प्रमाण पत्र (Identity Card) को वैधता प्रदान कर दी है.
30 August, 2024
Transgender Identity: केंद्र की मोदी सरकार ने पैन कार्ड एप्लीकेशन के लिए ‘ट्रांसजेंडर पर्सन्स एक्ट 2019’ के तहत जारी पहचान प्रमाण पत्र (Identity Card) को वैधता प्रदान कर दी है. सरकार ने यह जानकारी सुप्रीम कोर्ट को दी. इस एक्ट के तहत अब ट्रांसजेंडर अपने जेंडर ID कार्ड के जरिए पैन कार्ड के लिए अप्लाई कर सकेंगे. इससे ट्रांसजेंडर को पैन और आधार को लिंक करने में आसानी होगी.
सरकार ने मानी ट्रांसजेंडर की सभी मांगें
दरअसल, केंद्र सरकार ने सुप्रीम कोर्ट से कहा है कि ‘ट्रांसजेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) एक्ट, 2019’ के तहत जारी ‘आइडेंटिटी सर्टिफिकेट’ को पैन कार्ड के आवेदन के लिए वैध दस्तावेज माना जाएगा. बता दें कि यह सर्टिफिकेट DM जारी करता है. जस्टिस सुधांशु धूलिया और जस्टिस अहसानुद्दीन अमानुल्ला की बेंच ने कहा कि भारत सरकार ने सैद्धांतिक रूप से इस मांग को स्वीकार कर लिया है. केंद्र सरकार क्लैरिटी के लिए इस नियम को बेहतर बना सकती है. बेंच ने कहा कि ‘हमने इस याचिका पर केंद्र सरकार से जवाब मांगा. वो इस मामले में काफी मददगार रहा. उन्होंने मोटे तौर पर याचिका में उठाई गई सभी मांगों को स्वीकार कर लिया है.’
रेशमा ने उठाई थी थर्ड जेंडर कैटेगरी की मांग
ट्रांसजेंडर (प्रोटेक्शन ऑफ राइट) एक्ट, 2019 की धारा 6 और 7 DM के जारी आइडेंटिटी सर्टिफिकेट और लिंग परिवर्तन से संबंधित है. सुप्रीम कोर्ट में ट्रांसजेंडर की 2018 की याचिका पर सुनवाई हो रही थी. आरोप था कि पैन को आधार से जोड़ने की कोशिशें नाकाम हो रही हैं, क्योंकि पैन में आधार कार्ड की तरह ‘थर्ड जेंडर’ का विकल्प नहीं है. बिहार की सोशल वर्कर रेशमा प्रसाद ने पैन में अलग थर्ड जेंडर कैटेगरी बनाने का निर्देश केंद्र को देने का अनुरोध किया था, जिससे कि उनकी तरह दूसरे ट्रांसजेंडर भी अपने पैन को आधार से जोड़ सकें.
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