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Syrian Civil War: सीरिया में गृह युद्ध की क्या है वजह और पूरी कहानी?

by Divyansh Sharma
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Syrian Civil War ongoing since 2011. It is a multifaceted conflict involving Syria gov and opposition groups. In this article we covered full history of war.

Introduction Of Syrian Civil War

सीरिया एक प्राचीन भूमि है जिसने पूरे विश्व के इतिहास में एक प्रमुख भूमिका निभाई है. आज वही प्राचीन शहर गृह युद्ध (Syrian Civil War) की आंच में तेजी से जल रहा है. सीरिया में साल 2011 में गृह युद्ध (Syrian Civil War) छिड़ने के बाद से लेकर अब तक पांच लाख से भी ज्यादा लोग मारे जा चुके हैं. सीरियाई सेना (Syrian Civil War) 7 दिसंबर को दक्षिणी सीरिया के अधिकांश भाग से हट गई, जिसके कारण सीरिया की दो प्रांतीय राजधानी समेत सहित देश के अधिकांश बड़े शहर विद्रोहियों (Syrian Civil War) के कब्जे में आ गए.

Table Of Content

  • क्या है सीरिया का इतिहास?
  • सीरिया में कब हुई तख्तापलट की शुरूआत?
  • UAR के विघटन के बाद कैसे बदली सीरिया की सियासत?
  • साल 2011 में कैसे हुई सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत?
  • क्या है सीरिया में गृह युद्ध की पूरी टाइमलाइन?

अब 7 दिसंबर को विद्रोहियों ने बशर अल-असद के शासन को उखाड़ फेंक दिया है. इसमें सबसे बड़ा हाथ है HTS यानी हयात तहरीर अल-शाम का और उसके कमांडर मोहम्मद अल-जोलानी का. मोहम्मद अल-जोलानी ने ही 50 सालों से चल रहे सीरिया में अल-असद के परिवार की सत्ता और सीरियाई बाथ पार्टी के शासन को कुचल दिया है. दावा यह भी किया जा रहा है कि बशर अल-असद देश छोड़ कर भाग खड़े हुए हैं. सीरियाई सेना और विपक्षी युद्ध निगरानी ने इस बात की पुष्टि कर दी है. ऐसे में हम जानते हैं कि क्या है सीरिया में गृह युद्ध की कहानी और इतिहास.

Syrian Civil War: What is the reason and the whole story of the civil war in Syria? - Live Times

क्या है सीरिया का इतिहास?

सीरिया के गृह युद्ध (Syrian Civil War) को जानने से पहले जरूरी है सीरिया का इतिहास जानना. सीरियन लॉ जर्नल की एक रिपोर्ट के मुताबिक सीरिया पर सीरिया पर कई शासकों ने शासन किया है. इसमें मिस्र, असीरियन, यूनानी, रोमन, बीजान्टिन, उमय्यद खलीफा, अब्बासी खिलाफत, फातिमिद, सेल्जुक तुर्क, जेंगिड, अय्यूबी राजवंश, मामलुक, ओटोमन (उस्मानी साम्राज्य) और अंत में फ्रांसीसी शामिल हैं. इस कारण सीरिया (Syrian Civil War) में कई धर्मों और जातियों का प्रभुत्व देखने को मिलता रहा है. सीरिया 17 अप्रैल 1946 को स्वतंत्र हुआ था.

लेकिन इससे पहले ही 1918 में ब्रिटिश सेना ने ओटोमन साम्राज्य को हराने के बाद सीरिया में राजशाही स्थापित की. इसके बाद 1920 में मेसालौन की लड़ाई ब्रिटिशों ने अपना शासनादेश लागू कर दिया. उन्होंने सीरिया (Syrian Civil War) को कई राज्यों में विभाजित किया. फिर सीरियाई राज्य का गठन 1932 में शुरू हुआ और अली अबेद देश के पहले राष्ट्रपति बने. हालांकि, इस दौरान अंग्रेज सीरिया में हावी रहे और जनता और सेना की शत्रुता की यह स्थिति द्वितीय विश्व युद्ध के अंत तक जारी रही. बाद में अंतरराष्ट्रीय समझौते तके तहत फ्रांस ने अपने सैनिकों को वापस बुला लिया और परिणामस्वरूप सीरियाई राष्ट्रपति शुकरी कुवतली ने 17 अप्रैल, 1946 को सीरिया (Syrian Civil War) की आधिकारिक स्वतंत्रता की घोषणा की.

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सीरिया में कब हुई तख्तापलट की शुरूआत?

साल 1948 में पहली बार अरब-इजराइल के बीच युद्ध (Syrian Civil War) छिड़ गया. इसमें सीरिया ने अरब देशों के लिए महत्वपूर्ण भूमिका निभाई. बाद में इसी भूमिका ने सरकार और सेना के बीच अंदरूनी कलह (Syrian Civil War) को जन्म दिया. पहली बार सेना में असंतोष देखने को मिला. सीरियन लॉ जर्नल के मुताबिक मार्च 1949 में सेना प्रमुख जनरल हुस्नी जैम के नेतृत्व में पहली बार सीरिया में तख्तापलट (Syrian Civil War) पलट हुआ. राष्ट्रपति पद संभालने के बाद भी जनरल हुस्नी जैम ने सिर्फ 138 दिन तक ही शासन किया. जनरल हुस्नी जैम के शासन में पहली बार देश में यूरोपीय मॉडल की झलक देखने को मिली. हुस्नी जैम को सत्ता से अगले सैन्य नेता अदीब शिशकली ने 1951 में सत्ता से उखाड़ फेंका (Syrian Civil War) और राष्ट्रपति गणराज्य की स्थापना की.

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इस दौरान सीरिया में समाजवादी विचारधारा के समर्थक भी बढ़ते रहे. सेना में विभाजन और लोकप्रिय अशांति के कारण अदीब शिशकली इस्तीफा देने पर मजबूर हो गए. साल 1954 में हाशिम अतासी और साल 1955 में शुकरी कुवतली जैसे अनुभवी राजनेताओं ने भी सीरिया (Syrian Civil War) की कमान संभाली. तत्कालीन मिस्र के राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासिर के साथ हाशिम अतासी और शुकरी कुवतली ने अच्छे रिश्ते स्थापित किए. इसके बाद सीरिया (Syrian Civil War) और मिस्र दोनों ने दोनों देशों के बीच एक संघ पर गंभीरता से विचार किया और 1958 में UAR यानी संयुक्त अरब गणराज्य की स्थापना की. राष्ट्रपति गमाल अब्देल-नासिर ने UAR के राष्ट्रपति के रूप में पद संभाला.

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UAR के विघटन के बाद कैसे बदली सीरिया की सियासत?

सीरिया (Syrian Civil War) को UAR में जूनियर पार्टनर बनाने से गमाल अब्देल-नासिर के खिलाफ सैनाओं के भीतर नाराजगी बढ़ने लगी. सितंबर 1961 में सेना के सब्र का बांध टूट गया और तख्तापलट (Syrian Civil War) ने UAR को हमेशा के लिए दफ्न कर दिया. इसके साथ एक बार फिर से सीरिया (Syrian Civil War) में स्वतंत्र सरकार बहाल कर दी गई. दिसंबर 1961 में राष्ट्रपति नाजिम कुदसी प्रशासन ने UAR शासन के कई योजनाओं को जड़ से खत्म कर दिया. हालांकि, वह इससे सफल नहीं हो पाए और दो साल के भीतर साल 1963 में समाजवादी वामपंथी बाथ पार्टी (Syrian Civil War) ने अरबवाद के समर्थन से सत्ता में आई और गमाल अब्देल-नासिर की UAR शासन की कई योजनाओं को फिर से लागू कर दिया.

समाजवादी वामपंथी बाथ पार्टी ने शासन के दौरान सीरिया में आपातकाल (Syrian Civil War) घोषित किया और मार्शल लॉ (Syrian Civil War) लगाया गया. समाजवादी वामपंथी बाथ पार्टी के भीतर आंतरिक प्रतिद्वंद्विता के कारण फरवरी 1966 में पार्टी का विभाजन हुआ. अगले साल 1967 में सीरिया (Syrian Civil War) और इजराइल ने छह दिवसीय युद्ध लड़ा. इसमें सीरिया बुरी तरह से हारा और गोलान हाइट्स को हमेशा के लिए खो दिया. इससे सेना में फिर से असंतोष देखने को मिला और नवंबर 1970 में हाफिज अल-असद सत्ता में आए और मार्च 1971 में आधिकारिक रूप से सीरिया (Syrian Civil War) के राष्ट्रपति बने. इस दौरान सीरिया एक राष्ट्रपति गणराज्य के रूप में उभरा. 1970 के दशक में तेल की बढ़ती कीमतों ने सीरिया (Syrian Civil War) के लिए कई रास्ते खोल दिए. सैना के फिर से मजबूत होते ही गोलान हाइट्स को पाने के लिए सीरिया (Syrian Civil War) ने इजराइल पर हमला किया. हालांकि, इसका कोई फायदा नहीं हुआ.

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बाद में अमेरिका की सहायता से विघटन संधि ने गोलान हाइट्स के मुख्य शहर कुनेत्रा को सीरियाई नियंत्रण में वापस ला दिया. सीरिया में कुछ समय के लिए शांति थी, लेकिन तेल की कीमतों में गिरावट ने 1986 में सबसे बड़े राजनीतिक संकट (Syrian Civil War) को जन्म दिया. हालांकि, इससे बचते हुए सीरिया (Syrian Civil War) ने 1990 के दशक में अमेरिका से संबंध बेहतर किए. कुवैत से इराकी सेना को बाहर निकालने के लिए अमेरिकी सेना का साथ दिया.

इसके बाद जुलाई 2000 में हाफिज अल-असद के बेटे बशर अल-असद सीरिया (Syrian Civil War) के राष्ट्रपति बने. हालांकि, तेल भंडार में गिरावट ने उन्हें कमजोर कर दिया. राष्ट्रपति बशर अल-असद (Syrian Civil War) के पदभार संभालने के साथ ही फिलिस्तीनी विद्रोह भड़क उठा और अमेरिका में 9/11 के हमले हुए. इससे अमेरिका ने अरब देशों के दूरी बना ली. साल 2003 में इराक पर आक्रमण और साल 2005 के लेबनान संकट ने अमेरिका और सीरिया (Syrian Civil War) के बीच के रिश्तों को कमजोर कर दिया. हालांकि, साल 2011 में बराक ओबामा के अमेरिका के राष्ट्रपति बनते ही यह संबंध पहले से बेहतर हुए. लेकिन तब तक सीरिया (Syrian Civil War) में पूरी तरह से अशांति फैल चुकी थी. अल-असद की सत्ता के दौरान विद्रोहों को दबाने के लिए बड़े पैमाने पर तोप और भारी हथियारों का इस्तेमाल किया गया.

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साल 2011 में कैसे हुई सीरिया में गृह युद्ध की शुरुआत?

हाफिज अल-असद के मौत के बाद साल 2000 में उनके बेटे बशर अल-असद सीरिया के राष्ट्रपति बने. सब कुछ ठीक चल रहा था, लेकिन साल 2011 में अरब स्प्रिंग यानी अरब क्रांति की चिंगारी ने सीरिया (Syrian Civil War) को पूरी तरह से बदल दिया. अरब स्प्रिंग एक लोकतंत्र समर्थक विद्रोहों (Syrian Civil War) की एक श्रृंखला थी. हालांकि, इसमें शांतिपूर्ण और सशस्त्र दोनों ही पक्ष शामिल थे. इनमें से कई को सरकार ने कुचल दिया, जिससे यह चिंगारी (Syrian Civil War) भड़कती ही चली गई.

इसमें कई लोग बढ़ते बेरोजगारी दर, भ्रष्टाचार और राजनीतिक स्वतंत्रता की कमी से नाखुश (Syrian Civil War) थे. जब सरकार ने इन्हें (Syrian Civil War) कुचलने के लिए घातक बल का इस्तेमाल किया, तो पूरे देश में विरोध प्रदर्शन (Syrian Civil War) भड़क उठे और क्रूर युद्ध का रूप ले लिया. इस संघर्ष में कई समूह लड़ाई (Syrian Civil War) में शामिल हो गए और वह कई गुट अलग-अलग हितों के लिए एक-दूसरे के खिलाफ लड़ (Syrian Civil War) रहे हैं.

इसमें फ्री सीरियन आर्मी ( FSA), कुर्द विद्रोही लड़ाके, ISIS यानी इस्लामिक स्टेट, जबात फतह अल-शाम, हिज्बुल्लाह, सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज (SDF) और हयात तहरीर अल-शाम (HTS) के लड़ाके बड़े पैमाने पर शामिल हैं. इस संघर्ष (Syrian Civil War) में रूस और ईरान ने सीरियाई (Syrian Civil War) सरकार को समर्थन दिया है. वहीं विपक्ष को तुर्की, कई पश्चिमी ताकतों और कुछ खाड़ी अरब देशों का समर्थन बड़े पैमाने पर प्राप्त है. सीरियाई संघर्ष (Syrian Civil War) तीन-भागीय युद्ध में बदल गया है. इसमें उत्तर-पश्चिम में तुर्की समर्थित सेनाएं शामिल हैं जो सीरियाई सरकारी बलों (Syrian Civil War) से लड़ रही हैं. हालांकि, वही सेना उत्तर-पूर्व में अमेरिका समर्थित सीरियाई (Syrian Civil War) कुर्द नियंत्रण का भी विरोध कर रही हैं.

Syrian Civil War: What is the reason and the whole story of the civil war in Syria? - Live Times

उत्तर-पश्चिम में तुर्की समर्थित सेनाएं इस बात पर अड़ी हुई थी कि किसी भी शांति समझौते में सीरियाई राष्ट्रपति बशर अल-असद को दूर रखा जाए. वहीं, इस गृहयुद्ध (Syrian Civil War) में आतंकी संगठन ISIS की भी भागीदारी देखी गई है, जिसके नियंत्रण में कई हिस्से थे. हालांकि अब ISIS के पास कोई वास्तविक अधिकार या कोई क्षेत्र नहीं है. इसमें (Syrian Civil War) सबसे ज्यादा सक्रिय हैं कुर्द लड़ाके, जो सुन्नी मुसलमान हैं. इसमें कुछ यजीदी, ईसाई, शिया लड़ाके भी भाग ले रहे हैं.

बता दें कि कुर्दों के लिए साल 1920 में सेव्रेस की संधि के तहत एक अलग देश देने का वादा किया गया था, लेकिन लौसाने की संधि ने इस वादे को रद्द कर दिया. ऐसे में कुर्द लड़ाके (Syrian Civil War) अपनी मांगों के लिए लड़ रहे हैं. साल 2014 में उन्होंने उत्तरी सीरिया (Syrian Civil War) के रोजावा में अपने नियंत्रण वाले इलाकों को स्वायत्त सरकार घोषित कर दिया. कुर्दों के हितों के लिए SDF की राजनीतिक शाखा सीरियन डेमोक्रेटिक काउंसिल का गठन किया गया था. अब सबसे अहम है HTS यानी हयात तहरीर अल-शाम, जिसने बशर अल-असद की सत्ता को उखाड़ फेंक दिया है.

क्या है सीरिया में गृह युद्ध की पूरी टाइमलाइन?

साल 2011 में मार्च के महीने में सीरिया (Syrian Civil War) के दक्षिणी शहर डेरा में पहली बार हिंसा की जानकारी सामने आई. इस दौरान पुलिस ने राष्ट्रपति बशर अल असद के खिलाफ राजनीतिक नारे लिखने के आरोप में कुछ लड़कों को गिरफ्तार कर लिया था. इसके बाद हिंसा (Syrian Civil War) भड़कती ही चली और कई मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया कि अगस्त तक पांच महीनों में सीरियाई सुरक्षा बलों (Syrian Civil War) की ओर से 2 हजार से अधिक लोग मारे गए थे. इस मामले में इस्तांबुल में सीरियाई राष्ट्रीय परिषद का गठन किया गया. साथ ही अरब लीग के शांति प्रस्ताव को खारिज करने के बाद सीरिया (Syrian Civil War) को अरब लीग से निलंबित कर दिया गया.

वहीं, फ्री सीरियन आर्मी ने दमिश्क और अलेप्पो शहर में हमले शुरू कर दिए. अगले साल 2012 में होम्स शहर में सीरियाई सेना (Syrian Civil War) ने मोर्चा संभाला और कुछ ही दिनों में सैकड़ों लोगों को मार डाला. यह लड़ाई करीब तीन साल तक चली. फिर भी क्रांति की राजधानी कहे जाने वाले होम्स शहर पर सेना नियंत्रण हासिल नहीं कर पाई. बाद में साल 2012 में सीरियाई सरकार (Syrian Civil War) ने संयुक्त राष्ट्र के शांति योजना को स्वीकार करते हुए भारी हथियारों और सैनिकों को वापस बुलाया. साथ ही कैद किए गए लोगों को रिहा करने की भी बात कही.

संयुक्त राष्ट्र के शांति अभियान विभाग के प्रमुख हर्वे लैडसौस इस दौरान इसे पहली बार गृह युद्ध (Syrian Civil War) बताया. इसी बीच सीरियाई राष्ट्रीय गठबंधन का उदय हुआ. साल 2013 के मार्च महीने में ईरान समर्थित लेबनानी आतंकी समूह हिज्बुल्लाह के हजारों की संख्या में लड़ाके सीरियाई सरकार (Syrian Civil War) का समर्थन करने के लिए युद्ध (Syrian Civil War) में शामिल हो गए. इसके कारण सीरिया (Syrian Civil War) में जमकर खून बहा.

2013 के अगस्त माह में अमेरिकी राष्ट्रपति बराक ओबामा ने भी बशर अल-असद की ओर से विपक्षी ताकतों और नागरिकों के खिलाफ रासायनिक हथियारों के कथित उपयोग के जवाब में सीरिया में लक्ष्यों के खिलाफ सीमित सैन्य कार्रवाई की घोषणा की. दिसंबर में भड़कती हिंसा के बीच सीरिया (Syrian Civil War) की सरकार ने अपने रासायनिक हथियार कार्यक्रमों जैसे मिसाइल वारहेड्स और बमों को निष्क्रिय कर दिया. साल 2014 में इराक और सीरिया (Syrian Civil War) में ISIS ने अबू बकर अल बगदादी को अपना लीडर बनाया और खुद को खिलाफत घोषित कर दिया. इसके जवाब में अमेरिका और अरब देशों ने सीरिया में ISIS के खिलाफ हवाई अभियान करना शुरू कर दिया. 5 साल बाद रूस की मदद से अलेप्पो से विद्रोही लड़ाकों को बाहर निकाल कब्जा कर लिया और जीत की पहली बार घोषणा की.

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शरणार्थी शिविर

साल 2017 में अमेरिका समर्थित कुर्द समूह सीरियन डेमोक्रेटिक फोर्सेज ने भी ISIS को कुचल कर रक्का शहर को आजाद करा लिया. 2018 सीरियाई सेना ने डेरा और अल कुनेत्रा प्रांतों पर भी सफलतापूर्वक कब्जा कर लिया. इस दौरान रूस और तुर्की ने इदलिब प्रांत में सेना रखने का फैसला किया. साल 2019 में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप ने जैसे ही घोषणा की कि अमेरिका उत्तर-पूर्वी सीरिया छोड़ देगा, वैसे ही तुर्की ने उत्तर-पूर्वी सीरिया (Syrian Civil War) के कुर्द क्षेत्र में आक्रमण शुरू कर दिया. हालांकि, साल 2020 में तुर्की और रूसी सेना ने सीरिया के आखिरी विपक्षी इलाके इदलिब में युद्ध विराम की घोषणा की और सुरक्षा गलियारा स्थापित करने पर सहमति जताई. कोविड-19 का भी असर इस युद्ध पर पड़ा और संघर्ष कमजोर हो गया.

साल 2021 में बशर अल-असद सीरिया (Syrian Civil War) के फिर से राष्ट्रपति बने और रूस और यूक्रेन युद्ध शुरू होने के बाद रूस की सहायता कम हो गई. हालांकि, अब एक बार फिर से 27 नवंबर को चरमपंथी समूह HTS यानी हयात तहरीर अल शाम ने सीरिया (Syrian Civil War) के अलेप्पो, दारा और हमा शहर पर अचानक हमला कर कब्जा कर लिया. HTS का नेतृत्व अबू मोहम्मद अल-जुलानी कर रहा है. वह राष्ट्रपति बशर अल-असद के लिए सबसे बड़ा खतरा बन चुका है. अब बशर अल-असद की सरकार गिर गई है.

Concussion

बता दें कि हाल के दिनों में ईरान और इजराइल के बीच की लड़ाई ने हिज्बुल्लाह को काफी नुकसान पहुंचाया है. यूक्रेन के खिलाफ लड़ाई लड़ रहा रूस भी खुद पर ध्यान दे रहा है. दोनों ही सीरिया में राष्ट्रपति बशर अल-असद की मदद साल 2011 से ही करते आए हैं. ऐसे में उनकी मदद कमजोर होते ही साल 2015 और 2016 की तरह विद्रोह को कुचलने के लिए इस्तेमाल की गई सेना की संख्या हाल में सीरिया के पास नहीं थी. इसका फायदा उठाते हुए HTS ने बशर अल-असद की सत्ता का पलट दिया.

अब उम्मीद की जा सकती है कि सीरिया में यह गृह युद्ध रुक जाएगा. हालांकि, इस युद्ध (Syrian Civil War) में साल 2011 से लेकर 2024 तक मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक पांच लाख से अधिक लोग मारे गए हैं. हजारों लोग पलायन कर रहे हैं. वहीं, लाखों लोग पूरी तरह से मानवीय सहायता पर निर्भर हैं. 1 करोड़ 20 लाख से अधिक लोग अपने घर छोड़ कर इराक, मिस्र, उत्तरी अफ्रीका, लेबनान, जॉर्डन और तुर्की में शरणार्थी की तरह रह रहे हैं. युद्ध के कारण यूरोप में को सबसे बड़ा शरणार्थी संकट पैदा हो गया है. इसके अलावा ग्लोबल पीस इंडेक्स ने 2016 से 2018 तक सीरिया को सबसे नीचे रखा था. अब यह नीचे से 8वें नंबर पर है.

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