Introduction
Movies on Real Story: अरशद वारसी की फिल्म ‘बंदा सिंह चौधरी’, 25 अक्टूबर को सिनेमाघरों में रिलीज हो चुकी है. फिल्म की खास बात यह है कि ये असली कहानी पर बनी है. कहानी का प्लॉट 1971 का है. जब भारत और पाकिस्तान की लड़ाई हुई थी. इस लड़ाई का असर पूरे भारत पर पड़ा और खासतौर से पंजाब पर. जहां सिख और हिंदू समुदाय के बीच हिंसा की आग भड़कने लगी थी. दरअसल, अलगाववादी संगठन से जुड़े लोग अलग देश की मांग कर रहे थे. वहीं, इस कलह को पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी ISI ने भी खूब हवा दी. उसी दौरान पंजाब के गांव का एक लड़का बंदा सिंह चौधरी अपने गांव की मदद के लिए आगे आता है, क्योंकि उसके गांव के हिंदुओं को भी अपनी जमीन खाली करने की धमकियां लगातार मिल रही थीं. खैर, कहानी में आगे क्या होता है? कैसे बंदा सिंह खुद की और लोगों की मदद करता है? ये आप अरशद वारसी की फिल्म में देख सकेंगे. वैसे, सिर्फ ‘बंदा सिंह चौधरी’ ही नहीं रियल स्टोरीज और क्राइम पर बहुत सी सीरीज और फिल्में बन चुकी हैं. इनमें से कुछ की लिस्ट आज हम आपके लिए लेकर आए हैं.
Table of Content
- सेक्टर 36
- दिल्ली क्राइम
- तलवार
- नो वन किल्ड जेसिका
- आखिरी सच
सेक्टर 36
निठारी कांड पर बनी विक्रांत मैसी और दीपक डोबरियाल की फिल्म ‘सेक्टर 36’ की खूब चर्चा हो रही है. हो भी क्यों ना? इस केस ने हर तरफ हंगामा जो मचा दिया था. बात करें फिल्म की तो ‘सेक्टर 36’ में एक खतरनाक साइकोपैथ सीरियल किलर बनकर विक्रांत मैसी फैन्स का दिल जीत रहे हैं तो वहीं, ईमानदार पुलिस ऑफिसर बनकर दीपक भी खूब जंच रहे हैं. ‘सेक्टर 36’ को देखने की सिर्फ यही वजह काफी नहीं है कि इसमें विक्रांत और दीपक जैसे बेहतरीन एक्टर्स हैं. बल्कि बड़ी वजह यह है कि यह सच्ची घटना पर बनी फिल्म है.
इस फिल्म के पीछे खौफनाक सच्चाई है. दरअसल, 2006 में नोएडा के निठारी में एक नाले से बच्चों के कंकाल निकलने लगे, जिसके बाद 2 हैवानों की सच्चाई सामने आई. देखते ही देखते इस केस ने पूरे देश में हंगामा मचा दिया. इतना ही नहीं, देश के हर हिस्से से ‘कातिलों’ को फांसी देने की मांग उठने लगी. सच बात तो यह है कि भारत में अदालत ही किसी को फांसी या उम्रकैद देने का फैसला करती हैं.
खैर बात निठारी कांड की… वर्ष 2007 में CBI ने ये केस पूरी तरह से अपने हाथों में ले लिया. आपको बता दें कि नोएडा के निठारी में दो हैवानों ने 17 बच्चों का शिकार किया था. वो बच्चों को अपनी कोठी पर किसी बहाने से बुलाते और उनके साथ दुष्कर्म करते. इतने से भी मन नहीं भरता तो वह बच्चों का गला दबाकर उन्हें मारते और फिर उनके छोटे-छोटे टुकड़े करके कोठी के पीछे वाले नाले में फेंक देते थे. हालांकि, पुलिस ने भी कोठी के मालिक मोनिंदर सिंह पंढेर और उसके नौकर सुरेंद्र कोली की करतूतों को सामने लाने में पूरी जान लगा दी. साल 2011 में दोनों को कोर्ट ने फांसी की सजा सुनाई. इसके बाद सुप्रीम कोर्ट तक मामला पहुंचा. फिलहाल मोनिंदर सिंह पंढेर जेल से बाहर है और सुरेंद्र कोली जेल में बंद है.
दिल्ली क्राइम
निठारी कांड के बाद अब बढ़ते हैं दिल्ली के उस केस की तरफ जिसने पूरे देश को शर्मसार कर दिया था. साल 2012 में हुए निर्भया केस का नाम सुनकर हर इंसान का दिल और दिमाग सिर्फ गुस्से से भर जाता है. 6 अपराधियों ने हैवानियत की सारी हदों को पार करके पैरा मेडिकल छात्रा के साथ बस में दुष्कर्म किया और उसे मरने के लिए छोड़ दिया. उस वक्त ये केस सड़कों से लेकर संसद तक गूंजा. केस के सभी आरोपियों ड्राइवर राम सिंह, पवन गुप्ता, विनय गुप्ता, अक्षय ठाकुर, मुकेश सिंह और एक नाबालिग को पुलिस ने गिरफ्तार किया. इनमें से बस ड्राइवर ने तिहाड़ जेल में ट्रायल के दौरान सुसाइड कर ली और नाबालिग को 3 साल की सजा सुनाई गई. हालांकि राम सिंह के सुसाइट पर सवाल भी उठे थे. कई सालों तक कानूनी लड़ाई के बाद 20 मार्च, 2020 को निर्भया केस के 4 दोषियों को तिहाड़ जेल में फांसी दी गई. इसी केस पर ‘दिल्ली क्राइम’ नाम की वेब सीरीज बन चुकी है जो 2019 में रिलीज हुई थी. इस नेटफ्लिक्स सीरीज में शेफाली शाह और रसिका दुग्गल जैसे कलाकार लीड रोल में हैं.
तलवार
मेघना गुलजार के डायरेक्शन में बनी फिल्म ‘तलवार’ आरुषि तलवार डबल मर्डर केस पर बनी है. दरअसल मई, 2008 में तलवार फैमिली के नोएडा वाले घर में उनकी बेटी आरुषि को उसके कमरे में मरा हुआ पाया गया. उसकी हत्या गला काटकर की गई थी. जब इस केस की इनवेस्टिगेशन शुरू हुई तो सबसे पहले शक की सुई तलवार फैमिली के 45 साल के नौकर हेमराज की तरफ घूमी. क्योंकि इस घटना के बाद से वह लापता था. मगर जब दो दिन बाद बिल्डिंग की छत पर हेमराज की लाश मिली तो पूरा केस ही पलट गया. केस की छानबीन जैसे-जैसे आगे बढ़ती गई वैसे-वैसे नए नए खुलासे होने लगे. फिर 5 साल बाद कोर्ट ने आरुषि और हेमराज के मर्डर केस में आरुषि के माता-पिता नुपुर और राजेश तलवार को उम्र कैद की सजा सुनाई, हालांकि, सबूतों की कमी की वजह से दोनों को साल 2017 में रिहा कर दिया गया. इसी केस पर बनी है इरफान खान, कोंकणा सेन शर्मा, सोहम शाह और नीरज कबी की फिल्म ‘तलवार’. इस डबल मर्डर केस पर बनी फिल्म की कहानी विशाल भारद्वाज ने लिखी.
नो वन किल्ड जेसिका
दिल्ली की मॉडल जेसिका लाल मर्डर केस पर बनी फिल्म ‘नो वन किल्ड जेसिका’ साल 2011 में रिलीज हुई. रानी मुखर्जी और विद्या बालन ने इस फिल्म में बेहतरीन काम किया. राजकुमार गुप्ता के डायरेक्शन में बनी यह फिल्म अगर आपने नहीं देखी तो जरूर देखें क्योंकि इसमें दिखाया गया है कि किसी इंसान की जिंदगी एक गिलास शराब की कीमत से भी कम हो सकती है. खैर, जेसिका लाल हत्याकांड के बारे में अगर आप नहीं जानते तो हम बता देते हैं. दरअसल, महरौली की क़ुतुब कोलोनेड हवेली के अंदर सालों पहले एक रेस्टोरेंट हुआ करता था जिसका नाम था टैमरिंड कोर्ट. बीना रमानी और उनके पति जॉर्ज इसके मालिक थे.उनकी बेटी मालिनी रमानी बड़ी मॉडल बनना चाहती थी. 29 अप्रैल का दिन बड़ा खास था क्योंकिन बीना के पति जॉर्ज कनाडा जा रहे थे. इसी के चलते रेस्टोरेंट में एक फेयरवेल पार्टी रखी गई थी. हाई क्लास लोगों की पार्टी थी तो वेटरिंग के लिए भी खास इंतजाम किया गया. ऐसे में मालिनी ने अपनी दोस्त जेसिका लाल को बार टेंडिंग का ऑफर दिया जिसके लिए वह राजी भी हो गईं.
जेसिका लाल मर्डर केस
रात 12 बजे जब पार्टी ख़त्म होने को थी तब एक शख्स अपने तीन दोस्तों के साथ वहां एंट्री करता है. उस वक्त जेसिका लाल और उसका एक दोस्त शायन मुंशी बारटेंडिंग कर रहे थे. बार काउंटर पर जाकर मनु ने शराब मांगी तो जेसिका ने बताया कि शराब खत्म हो गई है. जेसिका के बार बार मना करने पर मनु को अपने दोस्तों के सामने बेइज्जती सी महसूस हुई. गुस्से में आकर मनु शर्मा ने अपनी जेब से पिस्तौल निकाली और जेसिका पर चला दी. क्योंकि मर्डर हुआ था तो पुलिस की छानबीन तो होनी ही थी. वहीं, उस पार्टी में करीब 100 लोग मौजूद थे जिनमें से ज्यादातर ने मनु को गोली चलाते देखा भी था, लेकिन जब कोर्ट में गवाही देने की बात आई तो एक-एक शख्स मुकर गया. 6 साल यह केस कोर्ट में चला लेकिन सबूत और गवाह नहीं मिलने की वजह से इससे जुड़े सभी लोगों को कोर्ट ने रिहा कर दिया. मगर मीडिया ने इस केस को सुलझाने में बड़ी भूमिका निभाई.. स्टिंग ऑपरेशन में कातिल का पता चल ही गया. आखिरकार साल 2010 में कोर्ट ने मनु शर्मा को उम्र कैद की सजा सुना ही दी.
आखिरी सच
दिल्ली के बुराड़ी में एक ही घर में 11 लाशों को देखकर हर तरफ हंगामा मच गया था. एक साथ एक ही परिवार के सभी लोगों ने फांसी लगाकर अपनी जान दे दी थी. इस केस पर फिल्म बन चुकी है जिसका नाम है ‘आखिरी सच’ जिसमें तमन्ना भाटिया ने उस पुलिस ऑफिसर का रोल किया है, जो इस केस की छानबीन करती हैं. इस केस ने हर किसी का दिमाग हिलाकर रख दिया था. पुलिस की रिपोर्ट के मुताबिक, दिल्ली के बुराड़ी के संत नगर में रहने वाली एक फैमिली ने तांत्रिक अनुष्ठान के चक्कर में अपनी जान गंवा दी. परिवार में 77 साल की नारायणी देवी और उनके 3 बेटे, बहुएं और 4 पोते-पोतियां थीं. नारायणी की एक बेटी प्रतिभा भी थी. 1 जुलाई, 2018 को सुबह जब कुछ पड़ोसी उनके घर में घुसे तो वहां उन्हें 11 लाशें मिलीं. पहले लगा कि यह सुसाइड का मामला है, लेकिन जब पुलिस के हाथ उस परिवार की एक डायरी लगी तो केस ने नया मोड़ ले लिया. डायरी में अजीबो-गरीब रिचुवल्स और हवन की बातें लिखी थीं. आगे की छानबीन में क्लियर हुआ कि पूरा परिवार बड़े बेटे ललित के चक्कर में पड़ गया था, जिसने मोक्ष का लालच लेकर उनका दिमाग खराब कर दिया था. खैर, केस के बारे में डिटेल में जानने के लिए आप इस फिल्म को डिज्नी प्लस हॉटस्टार पर कभी भी देख सकते हैं.
Conclusion
असली क्राइम पर बनी यह फिल्में अगर आपने अभी तक नहीं देखी हैं तो ये सभी अलग-अलग ओटीटी प्लेटफॉर्म पर उपलब्ध हैं. आप घर बैठे इन्हें देख सकते हैं. हां, मगर अरशद वारसी की बंदा सिंह चौधरी हाल ही में थिएटर्स में रिलीज हुई है तो ये मूवी आपको फिल्हाल थिएटर्स में ही देखने को मिलेगी. इन फिल्मों के जरिए आप इन सच्ची घटनाओं के बारे में और जान पाएंगे. साथ ही आप इस बात से भी अवगत होंगे कि जिस वक्त हम अपने घर में टीवी देख रहे होते हैं या ऑफिस में काम कर रहे होते हैं, उस वक्त कहीं ना कहीं कोई अपराधी अपनी साजिशों को अंजाम दे रहा होता है या फिर उसकी प्लानिंग कर रहा होता है.
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