‘Moidms’: देश के मोइदम्स को 26 जुलाई को यूनेस्को टैग मिलने पर केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह ‘स्वर्ण अक्षरों में अंकित’ दिन है. उन्होंने शिलालेख को देश के लिए एक ‘महान उपहार’ करार दिया.
27 July, 2024
Moidms : प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने 26 जुलाई को असम के चराईदेव मोईदाम को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किए जाने पर प्रसन्नता और गर्व व्यक्त किया है. प्रधानमंत्री ने कहा कि यह भारत के लिए अत्यंत खुशी और गर्व की बात है. साथ ही केंद्रीय संस्कृति मंत्री गजेंद्र सिंह शेखावत ने असम में अहोम राजवंश की सदियों पुरानी टीला-दफन प्रणाली ‘मोइदम्स’ के उत्कृष्ट सार्वभौमिक मूल्य को समझने के लिए यूनेस्को, विश्व धरोहर समिति को धन्यवाद भी दिया.
46वें सत्र के दौरान लिया फैसला
‘मोइदम्स’ को शुक्रवार को यूनेस्को की विश्व धरोहर सूची में शामिल किया गया, जिससे यह प्रतिष्ठित टैग पाने वाली पूर्वोत्तर की पहली सांस्कृतिक संपत्ति बन गई. यह निर्णय भारत में चल रहे विश्व धरोहर समिति (WHO) के 46वें सत्र के दौरान लिया गया. भारतीय प्रतिनिधिमंडल के सदस्यों से घिरे सत्र में गजेंद्र सिंह शेखावत ने कहा कि यह सुनहरे अक्षरों में अंकित दिन है.
1985 में विश्व विरासत सूची में जोड़ा गया था
असम में अन्य दो यूनेस्को स्थल काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान और मानस वन्यजीव अभयारण्य को 1985 में विश्व विरासत सूची में जोड़ा गया था. शेखावत ने इस स्थल पर काम करने वाले भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण (एएसआई) और राज्य के पुरातत्व विभाग के बीच “घनिष्ठ सहयोग” की सराहना की. अपने संबोधन में, उन्होंने शिलालेख को ‘भारत के लिए एक महान उपहार’ कहा, और कहा कि इस साइट को 2014 में यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थलों की अस्थायी सूची में रखा गया था.
What is ‘Moidms’?
बता दें ‘मोइदम्स’ असम के अहोम राजवंश के पिरामिड के जैसी अनूठी और नायाब टीलानुमा स्ट्रक्चर है. ये असम के शाही परिवार का कब्रिस्तान है, जिसमें बनी टीलानुमा संरचानओं को ‘मोइदम्स’ के नाम से जाना जाता है, इसी मोइदम्स को यूनेस्को की विश्व धरोहर लिस्ट में शामिल किया गया है. भारत की ओर से 2023-24 के लिए मोइदम्स को नॉमिनेट किया गया था.
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