Wild Chicken In Himachal CM Dinner: दावा किया गया कि कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रि भोज में जंगली मुर्गे का मांस परोसा गया है.
Wild Chicken In Himachal CM Dinner: अभी समोसा कांड की आंच ठंडी नहीं हुई थी कि हिमाचल में जंगली मुर्गे ने फिर से सियासी गर्मी बढ़ा दी. दरअसल, दावा किया जा रहा है कि सरकारी कार्यक्रम में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रि भोज में जंगली मुर्गे का मांस परोसा गया है. गौरतलब है कि जंगली मुर्गा का शिकार वन्यजीव प्राणी संरक्षण कानून के तहत आता है. ऐसे में समोसा कांड के बाद सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार पर गंभीर आरोप लगे हैं.
जंगली मुर्गा खाने वालों को होती है जेल
दरअसल, यह पूरा मामला शिमला के दूरदराज के क्षेत्र चौपाल के टिककर गांव का हैं. गांव में दौरे के दौरान मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने अपने साथियों के साथ एक स्थानीय व्यक्ति के घर रात का खाना खाया. दावा किया जा रहा है कि खाने के मेन्यू में जंगली मुर्गे का मांस भी शामिल था. हिमाचल प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर ने अपने X पोस्ट में इस बात का जिक्र करते हुए गंभीर आरोप लगाए. उन्होंने अपने पोस्ट में कहा कि मुख्यमंत्री आज गांव-गांव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे है जनता सब देख रही है.
जनता के घर द्वार जाकर लोगों की समस्याओं के निराकरण करने की हमारी योजना ‘जनमंच’ के फुलके जिन्हे खल रहे थे वह आज गाँव गाँव जा कर पिकनिक मना रहे हैं और क्या कर रहे है जनता सब देख रही है 🧐
— Jairam Thakur (@jairamthakurbjp) December 14, 2024
संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है, जुर्माना होता है लेकिन… pic.twitter.com/NjtN0iDjXN
उन्होंने दावा किया कि संरक्षित प्रजाति के जंगली मुर्गा खाने वालों को जेल होती है और जुर्माना होता है, लेकिन मुख्यमंत्री महोदय मुर्गा खिलाने का पहले मेन्यू छपवाते हैं और फिर अपने मंत्रियों को अपने सामने चटखारे ले-लेकर खिलाते हैं. वहीं, BJP यानी भारतीय जनता पार्टी के प्रवक्ता चेतन बरागटा ने भी अपने X हैंडल पर लिखा कि मुख्यमंत्री माफी मांगें. उन्होंने भी दावा किया कि सरकारी कार्यक्रम में जंगली मुर्गा जैसे संरक्षित पक्षी का परोसा जाना वन्यजीव संरक्षण कानूनों का सीधा उल्लंघन है. उन्होंने दावा किया कि यह देवभूमि हिमाचल की परंपराओं का अपमान है और इस पर कार्रवाई होनी चाहिए.
मुख्यमंत्री जी माफी मांगें!
— Chetan Bragta (@chetanbragta) December 14, 2024
सरकारी कार्यक्रम में 'जंगली मुर्गा' जैसे संरक्षित पक्षी का परोसा जाना वन्यजीव संरक्षण कानूनों का सीधा उल्लंघन है। यह देवभूमि हिमाचल की परंपराओं और पर्यावरण के प्रति हमारी संवेदनशीलता का अपमान है। कांग्रेस सरकार की इस लापरवाही पर तुरंत कार्रवाई होनी… pic.twitter.com/HeYIG10vK1
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सुखविंदर सिंह सुक्खू ने दी सफाई
BJP हिमाचल के X हैंडल पर तो सुखविंदर सिंह सुक्खू के खाने के वीडियो भी शेयर किया गया है. पोस्ट में लिखा है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रिभोज में संरक्षित जंगली मुर्गे का पकवान पेश हुआ और वह अपने मित्रों को जंगली मुर्गा खिलाने के लिए भी काफी उत्साहित दिखे. इस मामले पर मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने भी खुद बयान जारी किया. अपने X हैंडल पर जारी एक वीडियो संदेश में उन्होंने कहा कि स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज परहेज करता हूं.
"कुक्कडू कूं" का व्यवस्था पतन
— BJP Himachal Pradesh (@BJP4Himachal) December 14, 2024
मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू के रात्रिभोज में संरक्षित जंगली मुर्गे का पकवान पेश हुआ।
सुक्खू जी अपने मित्रों को जंगली मुर्गा खिलाने के लिये भी काफी उत्साहित थे। pic.twitter.com/Fdua6UkazG
विपक्ष पर पलटवार करते हुए उन्होंने कहा कि BJP नेता जयराम ठाकुर को कोई मुद्दा नहीं मिला, तो उन्होंने हमारे गांव के लोगों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया. हालांकि, BJP की ओर से शेयर किए वीडियो में सुना जा सकता है कि मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू ने जंगली मुर्गा के मारे जाने पर सवाल उठाया और पूछा कि आप जंगली मुर्गा कैसे मार सकते हैं? गौरतलब है कि जंगली मुर्गे को रेड कैटिगरी में रखा गया है यानी यह साफ है कि इसका शिकार नहीं किया जा सकता है. वन्यजीव संरक्षण कानून में साल 2022 की संशोधित सूची में जंगली मुर्गे को भी शामिल किया गया है.
स्वास्थ्य कारणों से मैं तेलयुक्त व्यंजन और नॉनवेज दोनों से परहेज़ करता हूँ। लेकिन जयराम जी को कोई मुद्दा नहीं मिला तो उन्होंने हमारे ग्रामवासियों को बदनाम करने का रास्ता चुन लिया।
— Sukhvinder Singh Sukhu (@SukhuSukhvinder) December 14, 2024
विपक्ष के नेताओं के पास अब कोई मुद्दा नहीं है, बस ग्रामवासियों की छवि खराब करने का काम करते हैं। pic.twitter.com/gZaY9fU7se
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